100 Years Of RSS: वृंदावन के केशव धाम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दो दिवसीय बैठक आयोजित हुई। जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लव जिहाद, नुहं हिंसा, मणिपुर हिंसा, धर्मांतरण जैसे मामलों पर चिंतन किया। दो दिवसीय बैठक में उत्तराखंड के साथ साथ पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रांत प्रचारकों ने भाग लिया।
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(100 Years Of RSS) पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन में आरएसएस की दो दिवसीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में बैठक में मौजूद रहे। वहीं उन्होंने लव जिहाद, नुहं हिंसा, मणिपुर हिंसा, धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जन जन को जोड़ा जाए, हिन्दू समाज जाति को भुलाकर एकजुट हों और जागरूक हो । ये सभी बातें संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहीं।
संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर कार्य विस्तार पर जोर(100 Years Of RSS)
संघ को 2025 में 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं(100 Years Of RSS)। इसको लेकर संघ के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है। आरएसएस द्वारा शताब्दी वर्ष पर संघ कार्य के अधिक से अधिक विस्तार की तैयारियां चल रही हैं। संघ कार्य के विस्तार और अपनी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने की रणनीति बनाने को मोहन भागवत और सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले वृंदावन के केशव धाम में मंगलवार शाम को आए थे।
बुधवार और बृहस्पतिवार को दोनों दिनों छह सत्रों में पश्चिम क्षेत्र से उत्तराखंड, मेरठ और ब्रज और पूर्व क्षेत्र से गोरखपुर, अवध और काशी प्रांत के प्रचारक, कार्यकारिणी और दोनों क्षेत्रों के क्षेत्र प्रचारकों के साथ बैठक हुई। शीर्ष नेतृत्व द्वारा यह अहम जिम्मेदारी दी गई है कि संघ का विस्तार किया जाए, गांव-गांव और बस्ती-बस्ती तक शाखाएं लगाई जाएं। लोगों में हिंदुत्व की अलख जगाई जाए। राष्ट्रवाद के मुद्दों के प्रति जन जन को जागरूक किया जाए।
जिहाद, नुहं हिंसा, मणिपुर हिंसा, धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा
(100 Years Of RSS) को लेकर वृंदावन स्थित केशव धाम में चल रही दो दिवसीय RSS की बैठक में 50 से अधिक प्रांत व क्षेत्र प्रचारकों ने हिस्सा लिया। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बैठक के दो दिनों में विभिन्न मुद्दों पर चिंतन किया। संघ प्रमुख ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जातियों के भेदभाव को भुलाकर एकजुट होना चाहिए। बैठक में मणिपुर हिंसा, नुहं हिंसा, लव जिहाद, राष्ट्रीयता के साथ-साथ आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। हिंदुओं को जाति से बाहर निकल कर एकजुट होना चाहिए। राष्ट्रीयता के लिए समर्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीयता से जुड़ना चाहिए।
राष्ट्र सभी के लिए पहले होना चाहिए। आरएसएस के इस दो दिवसीय बैठक में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को पांच सत्रों में पांच विषय रखे गए। सभी सत्रों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे। भागवत ने कहा कि भारत विश्व शांति की ओर लगातार बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कोई नहीं उतरा। यह हमारे भारत की पहली उपलब्धि है।
कड़ी सुरक्षा के घेरे में हुई आरएसएस की दो दिवसीय बैठक
बता दें कि बुधवार की शाम को आरएसएस प्रमुख ट्रेन से मथुरा के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। बैठक को लेकर सुरक्षा की पुख्ता इंतेजामत किए गए। केशव धाम पर पुलिस का सुरक्षा घेरा बना रहा। केशव धाम के अंदर की व्यवस्था को आरएसएस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने संभाल रखा था, तो वहीं बाहरी सुरक्षा में सिविल पुलिस, डॉग स्क्वाड, को भी लगाया गया था।
100 Years Of RSS: राम मंदिर को पहुंचाया जाएगा जन-जन तक
भागवत ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मन्दिर के जनवरी में उद्घाटन से पहले कार्यकर्ता आम जनता को राम मंदिर के बारे में जानकारी दें। (100 Years Of RSS) 100 वर्ष पूरे होने पर आरएसएस के पास उपलब्धि बताने के लिए राम मन्दिर जैसा मुद्दा है। वहीं चंद्रयान – 3 की सफल लैंडिंग को लेकर उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई। देश के वैज्ञानिकों की लगन की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए।
बैठक में अपेक्षित नहीं थे भाजपा पदाधिकारी
केशव धाम में आयोजित होने वाली बैठक से भाजपा को बाहर रखा गया। कोई भी पदाधिकारी भाजपा का आरएसएस की इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। सरसंघचालक मोहन भागवत सहित करीब 50 प्रांतीय प्रचारक इस बैठक का हिस्सा बने। इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
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