Thursday, December 12, 2024

China Map Controversy: नेपाल ने चीन को लेकर ऐसा क्या कह दिया,जो काठमांडू मेयर ने चीन दौरा रद्द किया

China Map Controversy: चीन द्वारा जारी इस नए मानचित्र के बाद, भारत की आपत्ति के पर्याप्त, नेपाल ने भी इस मामले में सावधानी से अपनी नाराजगी जाहिर की है। रिपोर्ट के अनुसार, नक्शे में भारतीय सीमा के वे क्षेत्र नहीं दिखाए गए हैं जिन पर काठमांडू ने अपने नक्शों में दावा किया था।

यह गीता हो की चीन ने 28 अगस्त को इस नक्शे का 2023 संस्करण जारी किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपनी सीमा के भीतर दिखाया गया था। विपक्ष के नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने चीन के समक्ष ‘कड़ा विरोध’ (China Map Controversy) दर्ज कराया है।

चीन के नक्शे पर नेपाल चिंतित (China Map Controversy)

चीन द्वारा जारी इसके नए मानचित्र के बाद, नेपाल ने भी इस मुद्दे में अपनी चिंता व्यक्त की है, जिसमें भारत की सीमा के कुछ क्षेत्रों को नक्शे पर नहीं दिखाया गया है, जिन पर काठमांडू ने दावा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने 28 अगस्त को 2023 संस्करण के इस नक्शे को जारी किया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और आक्साई चिन को अपनी सीमा के भीतर दिखाया गया था। इस मुद्दे को उठाने के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह ने चीन के समक्ष ‘कठिन विरोध’ की ब्याज किया है, जिस पर विपक्ष के नेताओं ने ध्यान दिलाया था।

नेपाल ने क्या कहा? (China Map Controversy)

नेपाली विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया है जिसमें साफ शब्दों में बीजिंग की निन्दा नहीं की गई है। को कहा, ‘नेपाल ने 2020 में अपने संसद द्वारा स्वीकृत राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र पर पूर्ण समर्थन दिया है। नेपाल सरकार को स्पष्ट रूप से मानती है कि इस मानचित्र को हमारे पड़ोसी देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदायों द्वारा भी सम्मानित किया जाना चाहिए। नेपाल सरकार सीमा संबंधी मुद्दों को वार्तालाप और दिप्लोमेसी के माध्यम से समाधान निकालने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’

नेपाल के पीएम ने क्यों साधी चुप्पी? (China Map Controversy)

यह बिना किसी आश्चर्य की बात नहीं है कि बीजिंग उन क्षेत्रों को नेपाली क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देता है, क्योंकि लिपुलेख लंबे समय से भारत और चीन के बीच आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त व्यापारिक केंद्र बना हुआ है। इस मामले पर अब तक, नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल द्वारा कोई व्यक्तिगत बयान नहीं आया है, जिन्होंने इस महीने चीन जाकर एशियाई खेलों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निर्णय लिया है। भारत के साथ ही, वियतनाम, मलेशिया, और फिलीपींस ने भी दक्षिण चीन सागर में अपने दावों के आधार पर नए चीनी मानचित्र पर आपत्ति जताई हैं।

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