प्रेम प्रसंग के दौरान बने शारीरिक संबंध पर आज हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया, जिससे कई बड़े बदलाव अब सामने आएंगे।
High Court ने क्या कहा ?
प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें प्रेम प्रसंग के दौरान बने शारीरिक संबंध को लेकर कहा है कि इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है। हाईकोर्ट ने इस फैसले में आरोपी प्रेमी के खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद्द कर दिया है।
आपसी सहमति से बने थे शारीरिक संबंध
इस मामले में, संतकबीर नगर के जियाउल्ला के खिलाफ दर्ज हुआ था केस, जिसमें एक प्रेमिका ने कहा था कि उसके और प्रेमी के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बने थे। इसके बाद, प्रेमिका ने कोर्ट में आपराधिक कार्रवाई की मांग की थी।
सहमति से बना शारीरिक संबंध रेप नहीं
कोर्ट ने इस मामले पर विचार किया और फैसला दिया कि इस मामले को रेप नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें दोनों पक्षों की मर्जी से संबंध बने थे।
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पीड़िता की मांग पर कार्रवाई रद्द
इस फैसले के साथ ही, कोर्ट ने पीड़िता की मांग पर चल रही कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है। पीड़िता ने कोर्ट में प्रेम-प्रसंग में रहने की बात कही थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को नकार दिया है।
इस फैसले के बाद, इस मामले में आरोपी प्रेमी को बरी और कार्रवाई रद्द कर दी गई है। यह फैसला न्यायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और समाज में विवाद को लेकर नई चर्चाओं का कारण बन सकता है।
इस फैसले से सामाजिक और कानूनी मामलों में जागरूकता बढ़ सकती है और लोगों के बीच सही जानकारी का प्रसार हो सकता है।
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