Sunday, December 15, 2024

Launda Naach: राबड़ी आवास पर जमी महफ़िल, बेटे तेजप्रताप संग ‘लौंडा नाच’ का आनंद लेते लालू यादव, जानिए क्या होता है ‘लौंडा नाच’?

Launda Naach: बिहार की लोक संस्कृति की जानदार नृत्य विधा लौंडा नाच (Launda Naach) भले ही विलुप्तप्राय हो रही हो। लेकिन, राजद सुप्रीमो लालू यादव समय समय पर इस ‘लौंडा नाच’ की विधा को जीवंत बनाए रखने का संदेश देते रहते हैं। एक बार फिर से ऐसा ही देखने को मिला है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) का एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है। इसमें वह अपने बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और अन्य राजद (RJD) नेताओं के साथ कुर्सी पर बैठकर ‘लौंडा नाच’ देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह नाच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर आयोजित किया गया था। बता दें कि इससे पहले हाल ही में लालू यादव (Lalu Yadav) अपने बेटे तेजप्रताप यादव के साथ होटल में खाना खाने पहुंचे थे।

क्यों कहा जाता है Launda Naach?

बता दें कि बिहार समेत पूर्वांचल में लड़कों के इस तरह के नाच को ‘लौंडा नाच’ (Launda Naach) बोला जाता है। यह नाम थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है, परंतु यह काफी लोकप्रिय है। लड़कों के नाचने की ऐसी परिपाटी बुंदेलखंड में भी देखने को मिलती है। हालांकि, अब यह लुप्तप्राय होती जा रही है। इस नाच के लिए लड़के हूबहू लड़कियों की तरह श्रृंगार करते हैं।

इस श्रृंगार के बाद दूर से यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि सामने लड़का है या लड़की। इसमें काफी मेहनत लगती है। वहीं, इसके बाद मंच पर ठुमके लगाते हुए स्थानीय बोली में लोकगीत सुनाना होता है। लौंडा नाच (Launda Naach) का प्रचलन बिहार और पूर्वांचल में 19वीं सदी में हुआ। तब महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर डांस करने की मंजूरी नहीं थी।

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भोजपुरी समाज की समस्याओं और चुनौतियों को दर्शाया

लौंडा नाच को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भिखारी ठाकुर को जाता है। उनके द्वारा 1917 में स्थापित नाच मंडली में उस दौर में भोजपुरी समाज की समस्याओं और चुनौतियों को दर्शाया जाता था। साथ ही उसी दौर में मंचों पर पुरुष ही महिला के वेश में आते थे और नाचते थे जो लौंडा नाच था।

बाद में प्रसिद्ध लोक कलाकार रामचंद्र मांझी लौंडा नाच के मशहूर नर्तक हुए। उन्हें इस विधा के लिए पद्मश्री भी मिला था। 1990 के बाद आर्केस्ट्रा और नर्तकियों के दौर में लोग लौंडा नाच (Launda Naach) से विमुख होने लगे। लेकिन बदले दौर में भी लालू यादव ने एक बार फिर से अस्तित्व बचाने को जूझते लौंडा नाच को कराकर बिहार की लोक संस्कृति से सबको परिचित कराया है।

किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर कोर्ट से जमानत

लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट से यह कहकर जमानत ली है कि वह बीमार है और उनको बेहतर इलाज के लिए समय-समय पर डॉक्टर के संपर्क में रहना पड़ता है और उनके स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। इसके अलावा लालू ने अपने किडनी के ट्रांसप्लांट के नाम पर कोर्ट से जमानत ली थी। इसके बाद लालू का किडनी ट्रांसप्लांट भी कर लिया गया है और अब वह बिल्कुल फिट दिख रहे हैं।

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