देवरिया कांड: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जमीनी विवाद के कारण 6 घातक घटनाएँ घटित हो गईं हैं। इस कांटे के दो पक्षों के बीच, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद्र यादव की बेहद दरिन्दगी से कत्ल हो गया, जवाब में सत्यप्रकाश दुबे के परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया।
घटना के समय, सत्यप्रकाश के घर में जो भी था, वह गुस्साई भीड़ की शिकार बन गया। इस घटना में सत्यप्रकाश, उसकी पत्नी, दो बेटियाँ, और एक बेटे की हत्या हो गई। एक मासूम अस्पताल में अब जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है।
मामले में, मृतक सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी ने 302, 307, 504 जैसी गंभीर धाराओं के तहत हमलावरों पर केस दर्ज किया है। इसमें 27 लोगों का नाम शामिल है, जबकि 50 अज्ञात हैं।
पुलिस अब तक 14 लोगों को हिरासत में लिया है, और उनसे पूछताछ की जा रही है। शोभिता ने बातचीत में इस विवाद की पूरी कहानी साझा की है।
सत्यप्रकाश की बड़ी बेटी ने रोते हुए बताई कहानी
शोभिता की शादी हो चुकी है, जब यह खबर उस तक पहुंची, तो वह अपने ससुराल में थी। इस सदमे के समय, उसके पैरों के नीचे ज़मीन की हालत बिल्कुल अस्थिर हो गई। शोभिता ने रोते हुए कहा, “2014 में मेरे चाचा, ज्ञान प्रकाश दुबे को अगवा कर उनकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया गया था।
मेरे पापा, सत्यप्रकाश दुबे ने इस मामले को लेकर कोर्ट में मुकदमा किया था। उसी दिन से, वो लोग (हमलावर पक्ष के लोग) हमारी पूरी परिवार को समाप्त करने की योजना बना लिया था, जिसमें उन्होंने कल (12 अक्टूबर) सफलता प्राप्त की। ज़मीन के मामले में तहसीलदार, एसडीएम, और एसओ, सभी मिलकर एक साथ रहे हैं, क्योंकि हर बार हम लोग शिकायत करते हैं, तो वो लोग (प्रेमचंद्र यादव) कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर हजार बार शिकायत की
शोभिता ने कहा – “CM पोर्टल पर तो न जाने कितनी बार शिकायत की है। जब हमने जांच की, तो हमें यह पता चला कि वहां पर एक हजार बार से ज्यादा एप्लीकेशन दर्ज हो चुकी हैं। रोज़ वहां आए दिन हमें धमकियाँ दी जाती हैं, टॉर्चर करने की धमकियाँ दी जाती हैं।
इस (प्रेमचंद) गैंग ने जिला प्रशासन से भी कई बार शिकायत की थी। कल (2 अक्टूबर) को हम उनकी एसडीएम कोर्ट में पेशी करेंगे। लेकिन इससे पहले ही हमारे परिवार को खत्म करने का प्रयास किया गया।”
FIR में सत्यप्रकाश दुबे की बेटी ने क्या लिखा?
FIR में शोभिता ने कहा – “मेरे चाचा ज्ञान प्रकाश दुबे को साल 2014 में प्रेमचंद्र यादव ने अगवा करके उनके नाम का पूरा खेत अपने नाम लिखवा लिया था। जब इसकी जानकारी मेरे पापा को हुई तब उन्होंने कोर्ट में मुकदमा कर दिया, जो अभी चल रहा है।
इसकी अगली तारीख 4/10/2023 को है। उसी रंजिश को लेकर जान से मारने की नियत से 2 अक्टूबर को सुबह 7:30 बजे प्रेमचंद्र अपने परिवार के सदस्य और अन्य करीब 50 लोगों के साथ बंदूक, लाठी-डंडा और अन्य असलहा लेकर गाली देते हुए मेरे घर पर चढ़ आए।
FIR में आगे कहा गया
जब मेरे पिताजी ने दरवाजा बंद किया, तब ये सभी लोग दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए। उन्होंने मेरे पिता सत्यप्रकाश दुबे, मां किरण दुबे, भाई दीपेश उर्फ गांधी, बहन सलोनी और नंदनी की मौके पर हत्या कर दी।
मेरा छोटा भाई अनमोल बुरी तरह घायल हो गया जिसका इलाज चल रहा है। घटना में प्रदीप राजभर, परशुराम राजभर और बेचू राजभर भी शामिल हैं और घटना में गोली भी चली है। वहीं, एक भाई सर्वेश पूजा-पाठ कराने बलिया गया हुआ था। इसीलिए उसकी जान बच गई।