Thursday, November 14, 2024

Mohan Bhagwat on Israel: मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद इजरायल-हमास जंग पर क्या कहा, यहाँ देखें

Mohan Bhagwat on Israel: विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर में स्थापना दिवस और शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुई इस कार्यक्रम में संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण देशों की श्रेणी में आ गया है। हमारे खिलाड़ियों ने इस बार किए गए एशियाई खेलों में 107 पदक जीते हैं। हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, न केवल तकनीकी क्षेत्र में, बल्कि कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी। आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें स्थान से उठकर पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। (Mohan Bhagwat on Israel)


यह भी पढ़ें- रास्ते में मस्जिद होने से RSS को मार्च की परमिशन क्यों नहीं: हाई कोर्ट

Mohan Bhagwat on Israel

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हमारे देश में कई प्रकार की विविधताएं हैं और इस विविधता के बावजूद, एकता कैसे आएगी इसका कोई आधार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कट्टरपन और आक्रोश के कारण अक्सर हिंसा और युद्ध का स्रोत बनता है, और इसका कोई समाधान नहीं है। संघ प्रमुख ने उदाहरण के रूप में इजरायल और हमास के बीच चल रहे झगड़े का स्थायी समाधान की ओर इशारा किया। (Mohan Bhagwat on Israel)

वह बोले, “हमारा देश आगे बढ़ रहा है, हमारा आत्मविश्वास बढ़ रहा है। यदि हम दुनिया को नेतृत्व कराना चाहते हैं, तो हमें किसी की नकल नहीं करनी चाहिए। हमें अपना खुद का रास्ता चुनना होगा। हमें एक ऐसा प्रयास करना होगा जिससे हम दुनिया को सबकुछ दिखा सकें।” उन्होंने बताया कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि देश आगे बढ़े। वे अलगाव और टकराव बढ़ाने की कोशिश करते हैं। (Mohan Bhagwat on Israel)

यह भी पढ़ें- RSS: संपूर्ण विश्व को प्रगति की राह दिखाएगा भारत – मोहन भागवत

शंकर महादेवन थे मुख्य अतिथि

इस बार कार्यक्रम में मशहूर गायक और संगीतकार पद्मश्री शंकर महादेवन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति को संरक्षित रखने में आरएसएस का महत्वपूर्ण योगदान है। जब मैं किसी संगीत कार्यक्रम में गाता हूं, तो मैं ध्यान देता हूं कि नवयुवकों को हमारी संस्कृति और रिच विरासत के बारे में जागरूक करूँ। मेरे द्वारा आदिकाव्य “शिव तांडव स्त्रोत” का आरंभ करने का उदाहरण दिया जा सकता है। यह एक ऐसा मंत्र है जिसे सुनने वाले को अनुभव होता है। मैं संगीत बनाने के समय सोचता हूं कि आने वाली पीढ़ियों को शास्त्रीय संगीत का आदर्श दिखाना चाहिए।

इसी तरह आपके काम की खबरें आप तक Bekhabar.in पहुंचाता रहेगा… 

Whatsapp पर जुडने के लिए यहाँ दबाएं

Facebook पर हमसे जुड़ें, यहाँ दबाएं 

Instagram के लिए यहाँ क्लिक करें 

YouTube के लिए यहाँ पर दबाएं 

Google News के यहाँ लिए टैप करें

चचा! इसे भी पढ़ लो...

इन वाली खबरों ने रुक्का तार रखा...