Saturday, December 14, 2024

Agnipath Yojana में हो गए कई बडे़ बदलाव, पहले से आसान या कठिन? क्लिक करके विस्तार से जानें…

अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीर के लिए मानकों को पहले के मुकाबले सरल बना दिया गया है। पहले, इसे सामान्य सैनिकों की भर्ती से संबंधित योग्यता में कुछ कठिनाईयों के साथ जोड़ा जाता था, हालांकि अब यह क्राइटेरिया एक समान रूप से स्थापित किया गया है। सेना ने इस संदर्भ में एक नई नीति जारी की है।

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Agnipath Yojana: ट्रेनिंग पूरी करके यूनिट्स में शामिल हुए अग्निवीर

बता दें नई नीति के पहले ही अग्निवीर ने अपनी पहली बैच ट्रेनिंग पूरी करके अपनी-अपनी यूनिट्स में प्रवेश किया है। इन सभी के लिए पहले वर्ष की पात्रता का मूल्यांकन पुरानी नीति यानी टफ क्राइटेरिया के अनुसार किया गया है। अग्निवीर का मूल्यांकन पहले वर्ष में ट्रेनिंग सेंटर में और फिर तीन साल में यूनिट में होता है। नियमित सैनिकों के लिए, 5000 फीट की ऊंचाई तक 5 किलोमीटर की दौड़ को 25 से 28 मिनट में पूरा करना होता है। वहीं अग्निवीर को 23 मिनट में दौड़ पूरी करने के कारण सुपर एक्सीलेंट श्रेणी में स्थान प्राप्त होता है। साथ ही सामान्य सैनिक जो 25 मिनट या उससे कम समय में दौड़ पूरी करते हैं, वे भी एक्सीलेंट माने जाते हैं। इस संदर्भ में 23 मिनट में दौड़ पूरी करने का कोई खास श्रेणी नहीं है।

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गौरतलब है कि अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) के तहत अग्निवीर सैनिकों का एक पूरा बैच सुपर एक्सीलेंट क्राइटीरिया से ही यूनिट तक पहुंचा है, अर्थात उनकी मार्किंग एक साल की समय सीमा के अंदर पूरी हो चुकी है। हालांकि, एक सेना के अधिकारी ने इसके बारे में कहा है कि इसे फाइनल मार्किंग में इसे ठीक कर लिया जाएगा।

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