Illegal Betting: अवैध सट्टेबाजी के मामले में केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने देशभर में 22 अवैध ऐप्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। अश्विनी वैष्णव के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रतिबंध आदेश के अनुसार, अवैध सट्टेबाजी (Illegal Betting) के लिए उपयोग होने वाले मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को अब पूरी तरह से ब्लॉक किया जायेगा।
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किन एप्स और वेबसाइट पर लगेगी पाबंदी?
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के आदेश के अनुसार, महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप (Illegal Betting app) और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया गया है। यह कदम ईडी द्वारा सिंडिकेट के खिलाफ की गई जांच के परिणामस्वरूप है, और इसके बाद महादेव बुक पर छापा मारा गया था, जो छत्तीसगढ़ में हुआ था।
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एप बैन करने के मामले में आईटी मंत्रालय का बयान
केंद्र सरकार के बयान के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को धारा 69ए के तहत वेबसाइट और ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अवैध सट्टेबाजी (Illegal Betting) ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया।
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Illegal Betting पर भारत में सरकार क्या कर रही है?
अवैध सट्टेबाजी (Illegal Betting) के मामले में, महादेव ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं। महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए उपयोग किया जाता है। लगभग एक साल से ईडी इस मामले की जांच कर रही है, और अगस्त 2022 से महादेव ऐप के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ईडी का दावा है कि 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार असीम दास ने पूछताछ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पैसा दिए जाने की बात कही है।
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किस तरीके से काम करते हैं सटोरिए?
ईडी ने बताया कि अवैध सट्टेबाजी (Illegal Betting) के तरीकों में पैसे जुटाने, यूजर आईडी बनाने, ग्राहकों को यूजर आईडी क्रेडेंशियल्स देने, और पैसे बांटने जैसे कई काम ब्रांच मालिक करते हैं। इन ब्रांच मालिकों को पैनल कहा जाता है। ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल यूजर को अंधेरे में रखकर होता है। इसका मतलब है कि यूजर को केवल शुरुआत में ही कुछ पैसों का फायदा होता था, लेकिन बाद में उनके पैसे वापस नहीं मिलते थे। ईडी ने महादेव एप का उदाहरण देकर बताया कि फायदे का 80 फीसदी सट्टेबाजी के सूत्रधार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल खुद रखते थे। सामान्य तौर पर एक पैनल में मालिक और चार कर्मी होते थे, और एक व्यक्ति एक से ज्यादा पैनल का मालिक हो सकता था।
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