Rajasthan Assembly Elections: चुनाव के दिन 50 हजार शादियाँ, राजस्थान में मतदान प्रतिशत प्रभावित कर सकते हैं 20 लाख लोग

Rajasthan Assembly Elections

Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। 23 नवंबर को चुनाव होने हैं। 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त है। इस दिन प्रदेश में 50 हजार से अधिक शादियां होने की संभावना है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या शादियों के कारण मतदान प्रतिशत पर प्रभाव डाल सकता है?

साथ ही इस दिन प्रदेश में खाटू श्याम जी का मेला भी होता है, जिसमें लाखों लोग देश भर से आते हैं। इसके चलते प्रशासन को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शादी, मेला और चुनाव के कारण गाड़ियां बुक होती हैं और फूल माला और अन्य सामान महंगे हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक राजस्थान में 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त है, और इस दिन प्रदेश में 50 हजार से अधिक शादियां होने की संभावना है।

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2018 में 74.71 प्रतिशत हुआ था मतदान – Rajasthan Assembly Elections

इस दृष्टि से एक प्रश्न ये भी उठ रहा है कि क्या शादी और अन्य कार्यक्रमों के कारण मतदान प्रतिशत पर प्रभाव पड़ सकता है? यह बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग और प्रशासन कई प्रयास करते हैं, जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनके लिए चुनाव आयोग लाखों करोड़ रुपए खर्च करता है। हालांकि इस बार चुनाव की तारीख ने सभी को परेशान कर दिया है। Rajasthan Assembly Elections

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शादी कारोबार से जुड़े हैं 20 लाख से ज्यादा लोग

20 लाख से अधिक व्यक्तियों का एक समृद्ध जुड़ाव शादी कारोबार से है। सीधे तौर पर टेंट व्यवसायी, इवेंट प्रबंधक, स्कूल, व्यापारी, बैंड व्यापारी, कोरियोग्राफर, कैटरर्स, इलेक्ट्रीशियन, राशन विक्रेता, और अन्य व्यवसायिक क्षेत्रों से लोग साल भर देव उठानी एकादशी जैसे महत्वपूर्ण अवसरों का आत्मा से स्वागत करते हैं।

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कैसे जाएगी बारात? – Rajasthan Assembly Elections

चुनाव के दौरान परिवहन विभाग वाहनों का प्रबंधन करता है। इसमें बस, जीप, कार, टेंपो, पिकअप, ट्रक, और अन्य सभी प्रकार के वाहन शामिल होते हैं। चुनाव से संबंधित उपकरण, जैसे कि वोटिंग मशीनें, एलीएमएस (ईवीएम) यूनिट्स, आदि एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाए जाते हैं। लेकिन शादी में बारात के लिए वाहनों की आवश्यकता होती है। इस परिस्थिति में यह सवाल उठता है कि चुनाव के दौरान जब वाहन चुने गए होंगे, तो बारात कैसे निकलेगी? इस समस्या के समाधान के लिए परिवहनकर्ताओं को बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि चुनाव के समय सरकारी दरों पर वाहनों का अधिग्रहण होता है। इसके कारण, परिवहनकर्ताओं के लिए शादियों से कमाई के अवसर में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। Rajasthan Assembly Elections

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