Canada On Khalistan: भारत सरकार ने कनाडा के वरिष्ठ डिप्लोमैट को देश में से निकाल दिया है। उन्हें 5 दिन का समय दिया गया है ताकि वे देश छोड़ सकें। इसकी पीछे का कारण है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर सिख समुदाय के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है।
Canada On Khalistan
ट्रूडो ने संसद में कहा कि भारत सरकार के एजेंट्स ने जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी, और इसी सम्बंध में उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी इस मुद्दे को उठाया था, जब 9-10 सितंबर को भारत में G20 बैठक हुई थी। कनाडाई सरकार ने खुफिया जानकारी के आधार पर इस आरोप को दिला रही है, जबकि कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जॉली ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दिया है।
भारत ने क्या कहा –
कनाडा के द्वारा लगाए गए सभी आरोप अनयोग्य हैं। विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा की कि कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इस तरह के आरोप को कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री मोदी के सामने भी रखे थे, लेकिन उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था। (Canada On Khalistan)
इस प्रकार के अमान्य आरोप का उद्देश्य खालिस्तानी आतंकवादियों और विभाजनकारी तत्वों के प्रति ध्यान को हटाना है। इन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है, जिससे भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय एकता को खतरा हो सकता है।
जांच में सहयोग के लिए भारत पर दबाव डालेंगे- कनाडा
ट्रूडो ने सांसदों से कहा – कनाडा की धरती पर किसी नागरिक की हत्या करवाने में विदेशी सरकार का शामिल होना, हमारे देश की संप्रभुता का उल्लंघन है। हम इस हत्या की जांच में सहयोग देने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे।” (Canada On Khalistan)
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा – ‘कनाडा में रहने वाली भारतीय मूल के सिखों की बड़ी आबादी इस हत्या को लेकर गुस्से से भरी है। कई सिख अपनी सुरक्षा को लेकर डर में हैं। देश में 14-18 लाख के बीच भारतीय मूल के नागरिक हैं, जिनमें से कई सिख हैं। कनाडा की विपक्षी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह सिख समुदाय से संबंधित हैं।’
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भारत की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में था निज्जर
निज्जर पंजाब के जालंधर के भार सिंह पुरा गांव का निवासी था। गांव के सरपंच राम लाल ने बताया कि निज्जर 1992 में कनाडा चला गया था और वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के मुख्य थे। वह भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकी सूची में शामिल थे।
NIA ने 40 आतंकीओं की सूची जारी की थी, और इसमें निज्जर का नाम भी शामिल था। उनकी भूमिका में ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान के हक में रेफरेंडम करवाने का भी उल्लेख था। पुलिस ने निज्जर के खिलाफ 23 जनवरी, 2015 को एक लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके प्रत्यर्पण की मांग की गई थी। कनाडा में निज्जर के खिलाफ 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। (Canada On Khalistan)
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