Delhi Meerut Rapid Rail: राज्य सरकार ने रैपिड कोरिडोर के लिए 350 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन को स्वीकृति दे दी है। धनराशि मिलने के बाद परियोजना के कार्यों में तेजी आएगी। हाईकोर्ट ने कुछ क्षेत्र से Delhi Meerut Rapid Rail गुजरने संबंधी निवासियों की ओर से उठाई गई चिंताओं को खारिज कर दिया है।
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Delhi Meerut Rapid Rail प्रोजेक्ट को मिली 350 करोड़ रुपये की धनराशि
दिल्ली, गाजियाबाद व मेरठ को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के जरिए जोड़नेे के लिए राज्य सरकार ने 350 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। प्रदेश सरकार द्वारा 956 करोड़ रुपए की अवशेष धनराशि में से 350 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन को स्वीकृति मिलने के बाद परियोजना के लंबित कार्य तेजी से पूरे हो सकेंगे।

आरआरटीएस एक सेमी हाईस्पीड रेल कोरिडोर है जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा। यह देश का अपनी तरह का पहला रैपिड ट्रांजिट प्रोजेक्ट है। इस परियोजना के तहत फेज वन स्टेज का कार्य हो रहा है। मौजूदा राज्यांश को जिन कार्यों को पूर्ण करने के लिए आवंटित किया गया है, उसकी समय सीमा 31 मार्च 2024 रखी गई है।
हाईकोर्ट ने कॉलोनी वालों की चिंता को खारिज किया
हाईकोर्ट ने कुछ क्षेत्र से रैपिड मेट्रो रेल गुजरने संबंधी निवासियों की ओर से उठाई गई चिंताओं को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा, व्यापक सार्वजनिक हित को व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह याचिका सिद्धार्थ एक्सटेंशन रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और वरिष्ठ नागरिक कल्याण फोरम के निवासियों की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने, यातायात की भीड़ को सीमित करने और अधिक कुशल परिवहन प्रणाली की पेशकश जैसे महत्वपूर्ण लाभों को देखते हुए इस परियोजना में सार्वजनिक हित सबसे आगे है।
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