Delhi Update: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम की आलोचना कर राजनैतिक लाभ अर्जित करने के प्रयास को मानवता के लिए घातक बताया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में संकल्प फाउंडेशन और पूर्व सिविल सेवा अधिकारी संघ को संबोधित किया और भारतीय मूल्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज में परिवर्तन तब आएगा जब हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों का आदर करेंगे, उन्होंने कहा भारतीयता और भारत हमारे लिए सर्वोपरि हैं, हमें भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए।
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इस ओर भी नज़र डालिए…
मानवीय मूल्य भारत की संस्कृति में विद्यमान (Delhi Update)
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि भारत जैसी समृद्ध विरासत पूरी दुनिया में कहीं नहीं है, भारत की संस्कृति पांच हजार वर्षों से भी अधिक पुरानी संस्कृति है, जो लोकाचार और मानवीय मूल्य भारत की संस्कृति में विद्यमान है वे पूरी दुनिया में किसी भी देश की संस्कृति में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी उस समय भी कोविड महामारी की चुनौती के बावजूद भी भारत, जिसकी अपनी आबादी एक सौ चालीस करोड़ से भी अधिक है, उसने सौ से अधिक देशों को वैक्सीन भेज कर उनकी सहायता की, हमारी संस्कृति का यही लोकाचार है, हमारी संस्कृति की यही पहचान है, “वसुधैव कुटुंबकम” का सच्चा अर्थ यही है। (Delhi Update)
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आप सांसदों से संसद में क्या उम्मीद करते हैं? (Delhi Update)
सांसदों के आचरण और मर्यादा को लेकर अपनी चिंता को साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप अपने सांसदों से संसद में क्या उम्मीद करते हैं? आप उम्मीद करते हैं कि हमारे सांसद वहां संवाद करेंगे, चर्चा करेंगे, गहन विचार विमर्श करेंगे और महत्वपूर्ण कानूनों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे लेकिन इसके बदले में आपको क्या देखने को मिलता है, शोर हंगामा, आरोप-प्रत्यारोप, हमारा आचरण ऐसा होना चाहिए ताकि दूसरे लोग उससे कुछ सीख सकें, हमें अपने आचरण से समाज के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। जिस दिन हमारे देश के युवा ठान लेंगे की चुना हुआ सांसद संविधान की अपेक्षा के अनुसार अपने कर्तव्य का पालन करेगा उस दिन हमारे सांसदों को संविधान के अनुसार आचरण करना पड़ेगा। (Delhi Update)
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देश को बदनाम करने का कुकृत्य
जगदीप धनखड़ ने दूसरे देशों में जाकर भारत की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बहुत अधिक प्रगति होती है तब न्यूटन के तीसरे नियम के तहत कुछ ताकतें देश की प्रगति की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं, किसी भी हद तक जाकर आलोचना करती हैं और देश को बदनाम करने का कुकृत्य करती हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के पूर्व अध्यक्ष, जस्टिस आदर्श गोयल, वरिष्ठ समाजसेवी माधव विनायक कुलकर्णी ‘मधु भाई’, संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष, संतोष तनेजा, पूर्व सिविल सेवा अधिकारी संघ के सदस्य और कई अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। (Delhi Update)