Thursday, April 3, 2025

शादी के बाद खर्चे डबल! यहाँ है खर्चों को मैनेज करने का जादुई तरीका

व्याप्त परिस्थितियों में, लोगों की आमदनी बढ़ गई होने के बावजूद, उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महंगाई की बढ़ती हुई गतिविधियों से लोगों की तनावपूर्ण स्थितियों को समझना महत्वपूर्ण है। इस समय में, सैलरी का अच्छे से प्रबंधन व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति को सुनिश्चित करने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। आइए, जानते हैं कुछ पैसों को प्रबंधित करने के तरीकों के बारे में।

नोएडा में निवास करने वाले नितिन, जो एक कंपनी में काम करते हैं, अपनी वेतन से संतुष्ट थे। इस वेतन से वह अपना मकान किराए पर रखने, दोस्तों के साथ बाहर घूमने और अपनी जरूरतों को पूरा करने में लगा देते थे, जिससे महीने के अंत में थोड़ा बचत भी हो जाता था। लेकिन हाल ही में उनकी शादी हो गई है और अब उन्हें वही वेतन कम लगने लगा है। पहले वह थोड़ा सा बचा लेते थे, लेकिन अब उनके खाते में सिर्फ नाम मात्र ही बैलेंस बच पाता है। इससे वे चिंतित रहते हैं कि अपने खर्चों को कैसे संभालें।

नितिन जैसे और भी कई लोग हो सकते हैं जिन्हें अपनी सैलरी से उनके व्ययों को मैनेज करने में मुश्किल होती है। इस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर हम आपको बताने जा रहे हैं।

बजट तैयार

अगर आप अपने खर्चों को मैनेज करना चाहते हैं तो बजट बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए आपको अपनी इनकम और खर्चों पर नजर रखने से शुरुआत करनी चाहिए। फिर किराने का सामान, बिजली और पानी के बिल, मनोरंजन और बचत के लिए अलग-अलग खर्चों को तैयार करना चाहिए।

अपने खर्चों को सीमित करें

अनावश्यक खर्च से बचना भी जरूरी है। इसके लिए आप गैर-जरूरी चीजों में कटौती कर सकते हैं बल्कि उसकी जगह आप सस्ता विकल्प ढूंढ सकते हैं।

जरूरत से ज्यादा क्रेडिट कार्ड ना लें

आसानी से मिलने के कारण आजकल हर किसी के पास कई सारे क्रेडिट कार्ड होते हैं। ऐसे में बैंक में पैसा ज्यादा न होने पर वो हर जगह उसी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस वजह से क्रेडिट कार्ड का बिल बढ़ता जाता है और अगले महीने आपकी सैलरी कम होती है। इसलिए क्रेडिट कार्ड से भी गैर-जरूरी चीजों को लेने से बचना चाहिए।

अकेले ज्यादा ना खर्चें

अगर आप दोस्तों के साथ घूमने और पार्टी करने के शौकीन हैं तो आप सभी दोस्तों में खर्चा बराबर बांटें, जिससे आप एंजॉय और बचत दोनों ही साथ में आसानी से कर सकें।

50-30-20 नियम

इस नियम का मतलब कमाई, खर्च, और बचत से होता है। यानी जितने रुपए आप कमाते हैं उसमें से 50 प्रतिशत हिस्सा घर-परिवार की जरूरतों में खर्च हो जाना चाहिए। उसमें से बचे 50 प्रतिशत को आपको सही से मैनेज करना होता है। जिसमें से 30 प्रतिशत आप अपने शौकों जैसे कि शॉपिंग और पार्टी के लिए खर्च कर सकते हैं। और बचे 20 प्रतिशत को बचाना होता है, जो भविष्य में रुपए को मैनेज करने में मदद करेगा।

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