Mission Gaganyaan Launch: अतंरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। अंतरिक्ष में भारत को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने राजस्थान के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान सफलतापूर्वक लॉन्च कर दी है।
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तमाम बाधाओं और चुनौतियों को पार पाते हुए इसरो (ISRO) ने गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट की सफल लॉन्चिंग करके इतिहास रच दिया है। इसरो के द्वारा रविवार सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के क्रू मॉड्यूल को लॉन्च किया गया। इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (Test Vehicle Abort Mission -1) और टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइंट (TV-D1) के नाम से बोला जा रहा है।
जब स्थगित करना पड़ा था मिशन
इससे पहले इसरो प्रमुख ने लॉन्चिंग होल्ड करने पर कहा था कि हम यह पता लगा रहे कि क्या गड़बड़ी हुई। उन्होंने यह भी कहा, ‘टेस्ट व्हीकल पूरी तरह सेफ है लेकिन इंजन समय पर चालू नहीं हो पाए। इसरो इन खामियों का विश्लेषण करेगा और जल्द ही इसे दुरुस्त भी किया जाएगा। लिफ्ट बंद करने के समय को स्थगित कर दिया गया है। किसी कारण से स्वचालित लॉन्च बाधित हो गया और कंप्यूटर ने लॉन्च को रोक दिया, हम मैन्युअल रूप से खामियों का विश्लेषण करेंगे।
Mission Gaganyaan Launch का लक्ष्य
गगनयान मिशन का लक्ष्य वर्ष 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 km की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। क्रू मॉड्यूल के अंदर ही भारतीय अंतरिक्ष यात्री यानी गगननॉट्स बैठकर पृथ्वी के चारों ओर 400 km की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे। ISRO अपने परीक्षण यान – प्रदर्शन (टीवी-डी1), एकल चरण तरल प्रणोदन रॉकेट के सफल प्रक्षेपण का भी प्रयास करेगा। इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन समग्र गगनयान कार्यक्रम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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