Hamas India Connection: इजराइल की नागरिक आबादी पर बर्बर हमला करके दिल दहलाने वाले अमानवीय क्रूरता करने वाले फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास का एक चौकाने वाला भारतीय संपर्क सामने आया है। दिल्ली से चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी हमास तक पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस की जांच में यह खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2021 की सर्दियों के दौरान दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने पश्चिमी दिल्ली के एक व्यवसायी के वॉलेट से लगभग 4 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की जांच की थी। चोरी के बाद पुलिस ने शुरुआती वॉलेट आईडी का पता लगाने में सफलता प्राप्त की थी। लेकिन पूरी क्रिप्टो करेंसी को अंत में किस खाते में ट्रांसफर किया गया, यह ट्रैक करना दिल्ली पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था। Hamas India Connection
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खुफिया एजेंसी मोसाद ने दी जानकारी – Hamas India Connection
“ठीक उसी समय इजराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद ने अपने भारतीय सहयोगियों के साथ नियमित खुफिया सूचना आदान-प्रदान के हिस्से के रूप में जानकारी थी कि कुछ आतंकवादी समूहों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों के लिए कुछ संदिग्ध वॉलेट में फंडिंग की जा रही है। मोसाद की उस सूची में कई वॉलेट पते थे जो फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के अल कस्साम ब्रिगेड द्वारा संचालित किए जा रहे थे। हालांकि इसे टेरर फंडिंग के आरोप में इजराइल के राष्ट्रीय ब्यूरो द्वारा ‘जब्त’ कर लिया गया था। इधर, दिल्ली में हुई क्रिप्टोकरेंसी की चोरी के आंतिम उपयोगकर्ता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स (IFSO) इकाई ने वॉलेट के साथ एक सिमुलेशन चलाया था। उन्होंने संभावित मैच पर नजर रखी थी। इस प्रक्रिया के दौरान पता चला कि दिल्ली से हमास के साइबर टेरर विंग द्वारा चलाए जा रहे बिटकॉइन और एथेरियम मुद्रा कई वॉलेट में भेजे गए थे।” Hamas India Connection
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दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने की पुष्टि
दिल्ली से क्रिप्टो करेंसी चोरी के मामले को पूर्व डीसीपी (स्पेशल सेल) केपीएस मल्होत्रा की टीम ने जांच की थी। मल्होत्रा ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हां, हमारी जांच से हमें अल कस्साम ब्रिगेड ( हमास का सैन्य दस्ता) से जुड़े कई वॉलेट मिले हैं।” पुलिस ने कहा कि मामला पहली बार 2019 में पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में अदालत के आदेश पर जांच को विशेष सेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
हमास संगठन के संबंध में जानकारी सामने आने के बाद तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि जब वालेट्स को जब्त किया गया, तो एक वालेट गाजा में था और इसमें नसीर इब्राहिम अब्दुल्ला जैसे हमास के सदस्यों का नाम आया, जबकि एक और वालेट गीज़ा में था और इसमें अहमद मरज़ूक के नाम का जिक्र था, जो कि फलस्तीन के रमल्ला के बसे हुए थे। एक पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया, “क्रिप्टोकरेंसी को विभिन्न निजी वॉलेट के माध्यम से भेजा गया और अंततः इन संदिग्ध वॉलेट में पहुंचा दिया गया।” यह भारत से हमास कनेक्शन का पहला मामला सामने आया है। Hamas India Connection
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साइबर यूनिट ने किया अलर्ट – Hamas India Connection
मंगलवार (10 अक्टूबर) को इजराइल पुलिस की साइबर यूनिट ने हमास द्वारा वित्तीय उगाही के लिए बनाए गए एक बड़े संख्या में क्रिप्टोकरेंसी खातों को फ्रीज कर दिया है। इस्राइल पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि हमास ने हाल ही में हमलों की शुरुआत के बाद आतंकी वित्तपोषण के लिए क्रिप्टोकरंसी एकत्रित करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। इस्राइली अधिकारियों ने बिनेंस (Binance) से जब्त की गई करेंसी को संबंधित देशों के खजाने में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है। Hamas India Connection
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