Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी की जयंती के इस मौके पर, हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानेंगे, साथ ही जानेंगे कि मोहनदास करमचंद गांधी कैसे देश के राष्ट्रपिता बने और हर भारतीय ने उन्हें बापू कहने का यह गर्व कैसे महसूस किया।
महात्मा गांधी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोत महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए कई महत्वपूर्ण आंदोलन किए। इनमें सत्याग्रह और खिलाफत आंदोलन, नमक सत्याग्रह, डांडी यात्रा, आदि शामिल हैं।
गांधी जी ने देश की स्वतंत्रता के लिए अहिंसा का महत्वपूर्ण सिद्धांत माना और इसे अपनाया। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सौहार्द और एकता को बढ़ावा दिया।
भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद
महात्मा गांधी ने भारतीय समाज के साथ सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिए काम किया और हिन्दू-मुस्लिम एकता को प्रोत्साहित किया। उन्होंने सत्य, आत्म-नियंत्रण, और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
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सादगी ही सौन्दर्य
आजादी की लड़ाई में, महात्मा गांधी ने अपने सारे संपत्ति को त्याग दिया। उनके लिए सरलता और निर्लिप्तता ही खूबसूरती का प्रतीक था। गांधी जी का जीवन एक साधक के रूप में भी प्रसिद्ध था। उन्होंने सरलता, अपाराधिकता, और आत्मा के साथ संबंध को महत्वपूर्ण माना।
एक धोती में की गई पदयात्रा और आश्रमों में बिताए जीवन के माध्यम से, गांधी जी भारतीय समाज के लिए एक पिता की तरह महत्वपूर्ण बने, और लोग उन्हें प्रेम और आदर से “बापू” कहने लगे।
महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” कहा किसने ?
“राष्ट्रपिता” शब्द का पहला उपयोग सुभाष चंद्र बोस ने किया था, जिन्होंने महात्मा गांधी को इस उपनाम से सम्मानित किया। सुभाष चंद्र बोस ने इसे इसलिए कहा क्योंकि गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और वे स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। इसके बाद, “राष्ट्रपिता” का उपयोग गांधीजी के सम्मान में व्यापक रूप से किया जाने लगा।