RAPIDX: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 अक्टूबर को नवरात्र में दिल्ली के मेरठ RapidX को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन कर सकते हैं। यह भारत की पहली सेमी हाई स्पीड रेल परियोजना है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। मेरठ और उसके पास के क्षेत्रों को दिल्ली एनसीआर से जोड़ने में यह प्रोजेक्ट सफल साबित होगा। 17 किमी का प्राथमिक खंड साहिबाबाद को दुहाई से जोड़ेगा और दुहाई से मेरठ दक्षिण तक एक और खंड मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। 82 किमी का पूरा कॉरिडोर 2025 में तैयार हो जाएगा।
प्रीमियम कोचों में यात्रियों के लिए एटेंडेंट की सुविधा
“राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने अब पहली क्षेत्रीय रेल सेवा (RAPIDX) के प्रीमियम कोचों में यात्रियों के लिए एटेंडेंट (सेवक) की सुविधा देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के साथ ही एटेंडेंट यात्रियों को प्रीमियम कोच के उन्नत सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ, उनकी सुरक्षित यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ट्रेन एटेंडेंट के साथ-साथ,पूरी रेलगाड़ी की संचालन के लिए ऑपरेटर भी होगा। यात्रा से संबंधित सुरक्षा उपकरणों के बारे में जानकारी भी ट्रेन एटेंडेंट द्वारा प्रदान की जाएगी।”
RAPIDX में जरूरतमंद यात्रियों को मिलेगी सुविधा
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि रैपिड एक्स के छह कोचों में से एक प्रीमियम कोच में यह सुविधा हासिल होगी। प्रीमियम कोच में आरामदायक घूमनेवाली सीटें, मोबाइल व लैपटॉप चार्जिंग पोर्ट, सामान रखने की रैक, मैगजीन होल्डर सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी। RAPIDX ट्रेन में एटेंडेंट की सुविधा से सबसे ज्यादा लाभ बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों, बीमारों और अन्य आवश्यकताओं वाले यात्रीगण को मिलेगा। एटेंडेंट विशेष रूप से इन यात्रीगण की जरूरतों का विचार रखेंगे। यदि किसी यात्री को सामान उठाने और रखने में कोई कठिनाई आती है, तो उन्हें मदद करेंगे। आपत्काल में वे पूरी ट्रेन के सभी यात्रीगण की सहायता करेंगे।
आपात उपकरणों की जानकारी दी जाएगी
यात्री सुविधा के साथ ट्रेन अटेंडेंट को किसी भी आपात स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ऐसे में जब ट्रेन खराब होती है, तो आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर के निर्देशों के अनुसार ट्रेन कोच में लगे निकास उपकरण का उपयोग करके अटेंडेंट यात्रियों की सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया में मदद करेगा। साथ ही, स्टेशन प्लेटफ़ॉर्म के द्वार को खोलकर यात्रीगण को RAPIDX ट्रेन से बाहर निकालने में सहायता प्रदान करेगा। अगर किसी तकनीकी कारणवश ट्रेन एलिवेटेड ट्रैक के बीच में रुक जाती है, तो इस स्थिति में ट्रेन अटेंडेंट सभी यात्रीगण को आपातकालीन द्वार से ट्रैक से नीचे उतरने के लिए मदद करेगा।
पहले चरण के 17.2 किलोमीटर मार्ग पर फरवरी में कराए गए परीक्षण दौड़ के सफल पूरा होने के बाद अब इस रेलवे सेक्शन पर रैपिड रेल की नियमित सेवा की तैयारी जारी है। इसके लिए दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर के संचालन और नियंत्रण केंद्र का निर्माण भी अब उच्च गति में प्रारंभ किया गया है। पूरे मार्ग पर सभी रैपिड ट्रेनों का संचालन और नियंत्रण इस केंद्र से किया जाएगा।
180 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी RAPIDX
पहले चरण के रैपिड रेल मार्ग पर पांच स्थान होंगे। इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई शामिल हैं। इस रेल मार्ग पर RAPIDX रेल 180 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी, जो देश की सबसे तेज ट्रेन होगी। योजना के अनुसार दिल्ली से मेरठ के मार्ग पर कुल 30 रैपिड रेलों का चलने का प्लान है, लेकिन वर्तमान में केवल 13 ट्रेनें संचालित की जाएंगी।दिल्ली से मेरठ तक बन रही आरआरटीएस का काम दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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