Thursday, November 14, 2024

अयोध्या में 151 किलो की रामचरितमानस की मूर्ति बनवाएंगे पूर्व आईएएस अधिकारी, कौन है IAS Lakshmi Narayanan? क्लिक कर पढिए पूरी खबर!

IAS Lakshmi Narayanan: धर्मनगरी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए लोग अपने भंडारों को खोलकर दान देने में लगे हुए हैं। इस दौरान पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायणन (IAS Lakshmi Narayanan) ने अपनी सारी जीवन कमाई को राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने अयोध्या में 151 किलो की रामचरितमानस की मूर्ति बनवाने का निर्णय लिया है।

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IAS Lakshmi Narayanan ने जीवनभर की कमाई दान की

गौरतलब है कि पूरा देश उस समय का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस शुभ घड़ी की तारीख भी तय हो गई है – 22 जनवरी 2024। रामलला के भक्तों में इस प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष उत्साह है। हालांकि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर निर्माण का कार्य जारी रहेगा। ऐसे में लाखों-करोड़ों लोग सहयोग राशि दे रहे हैं। इस बीच के लीलावती हॉस्पिटल के न्यासी बोर्ड के प्रधान सलाहकार और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी लक्ष्मी नारायणन (IAS Lakshmi Narayanan) ने अपनी जीवन भर की कमाई को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को समर्पित कर दिया है।

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5 करोड़ की लागत से बनेगी 151 किलो की रामचरितमानस मूर्ति

लक्ष्मीनारायणन ने अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना के बाद 5 करोड़ रुपये की लागत से 151 किलो की रामचरितमानस मूर्ति को स्थापित करने का निर्णय लिया है। रामचरितमानस की इस मूर्ति को वुमिडी बंगारू ज्वैलर्स तैयार करेगी। नए संसद भवन में लगने वाला सेंगोल (राजदंड) इसी ज्वैलरी कंपनी ने तैयार किया था। कंपनी ने सोने से जड़ित रामचरितमानस का डिजाइन तैयार किया है। इसे बनाने में तीन महीने का समय लगेगा। लक्ष्मीनारायणन (IAS Lakshmi Narayanan) के अनुसार, वह वही लौटा रहे हैं जो भगवान ने उन्हें दिया था। दान के नाम पर धन लुटाने से बेहतर है कि उनकी पुस्तक को भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया जाए।

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IAS Lakshmi Narayanan: 70 खंभों की मूर्तिकला का कार्य पूर्ण

22 जनवरी 2024 से पहले जो मंदिर निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, उसका लगभग 80% काम पूरा हो चुका है, इसकी जानकारी राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि हमने जिस लक्ष्य को हासिल करने का निश्चय किया था, उसमें लगभग 80% का पहला मानक हमने प्राप्त कर लिया है। स्थानीय पत्थर सभी पहुंच गए हैं, लेकिन उनकी फिटिंग अभी शेष है। मूर्तिकला का कार्य तात्कालिक त्योहारों के कारण कुछ धीमा हो रहा है, लेकिन इसे एक-दो दिन में पुनर्गति प्राप्त हो जाएगी। 70 खंभों की मूर्तिकला का कार्य पूरा हो चुका है, और ऊपरी भाग में पूरा हो गया है। हम निर्धारित समय में सभी कार्यों को पूरा करने का निश्चित करेंगे।

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