Sunday, April 6, 2025

Israel-Hamas: हिजबुल्लाह का नाम लेकर इजरायल को धमका रहै ईरान, सामने आया बयान

Israel-Hamas: ईरान लंबे समय से गाजा में हमास और फिलिस्तीन का समर्थन करता आया है। इन आरोपों पर ईरान के राजदूत इराज इलाही का बयान सामने आया है जिसमें उसका कहना है कि फिलिस्तीन की तरफ से हाल में उठाए गए कदम और फैसले उनके खुद के हैं जिनकी जड़ें उनके मौलिक सिद्धांतों से जुड़ी हुई हैं। यह 7 दशकों के दमन और इजरायल सरकार के अत्याचारों का नतीजा हैं।

इजरायल और हमास के बीच हो रहे युद्ध से इस दुनिया को एक बार फिर बांट दिया है। एक तरफ पश्चिमी देश इजरायल के समर्थन में खड़े हो गए हैं। वहीं इस्लामिक देश फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच जो देश सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है वो है ईरान। इस जंग में ईरान की भूमिका को लेकर पश्चिमी देश लगातार सवाल कर रहे हैं। ऐसे में भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने इजरायल और हमास की जंग, जंग में ईरान की भूमिका पर बात की।

युद्ध में ईरान की भूमिका नहीं (Israel-Hamas)

राजदूत इलाही का कहना है कि ईरान बेशक इस जंग में फिलिस्तीन के साथ खड़ा है लेकिन ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि इस युद्ध (Israel-Hamas)में ईरान की कोई भूमिका नहीं है। फिलिस्तीन अपने हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है। ये पूछने पर कि खामेनेई ने हाल ही में कहा था कि हम उन हाथों को चूम लेंगे जिन्होंने यहूदी सरकार पर हमले की योजना बनाई थी।

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इस पर इलाही ने कहा कि ईरान नस्ल, राष्ट्रीयता और धर्म के बावजूद दुनियाभर में उत्पीड़न और झूठ के खिलाफ न्याय की चाह रखने वालों का दृढ़ता से समर्थन करता है। ईरान का रुख हमारे संविधान के अनुरूप है। दूसरी तरफ ईरान का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि इस स्थिति में आप असल दोषी और पीड़ित के बीच भ्रमित हो रहे हो। इस संघर्ष की असली वजह का समाधान किए बगैर बीते 7 से 8 दशकों में फिलिस्तीन में जो हुआ है, उसका व्यापक और सही ब्योरा नहीं दिया जा सकता।

मीडिया सच को नजरअंदाज कर रहा (Israel-Hamas)

इलाही ने कहा कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग जानबूझकर फिलिस्तीन की आवाजों को अनसुना कर रहा है। इन लोगों का कसूर सिर्फ इतना है कि ये लोग फिलिस्तीन में पैदा हो रहे हैं। जब इलाही से पूछा गया कि इजरायल ने ईरान पर हमास को हथियार और ड्रोन की सप्लाई करने का आरोप लगाया है। इस पर इलाही ने जवाब दिया कि ईरान अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की दृढ़ता स रक्षा करता है। इजरायल की सरकार इस क्षेत्र में अस्थिरता का सबसे बड़ा कारण है।

इजरायल को नहीं है हिजबुल्लाह की ताकत का अंदाजा (Israel-Hamas)

इलाही ने साफ शब्दों में कहा कि कि हमास ने जो किया, वह आत्मरक्षा के अधिकार का सबसे आसान विकल्प था। जंग के शुरू होने के बाद से इजरायल पर हिजबुल्लाह की तरफ से हमले ने जंग को दो मोर्चों पर ला दिया है इस पर इलाही ने कहा कि हिजबुल्लाह लेबनान में एक वैध और मान्यता प्राप्त संगठन है, जो देश की रक्षा के लिए लेबनान सेना के साथ काम कर रहा है। यहूदी सरकार भी इस वास्तविकता से वाकिफ है और उसे पहले से ही हिजबुल्लाह की ताकत का अंदाजा है। अब क्या इसे ईरान की धमकी समझा जाए या फिर समर्थन? सवाल तो बड़ा है।

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