Israel Hamas War: इजरायल पर हमास के बर्बर हमले (Israel Hamas War) के बाद दुनिया दो भागों में बंट गई है। मुस्लिम सोसायटी आम तौर पर हमास की सफलता का जश्न मना रही है तो बाकी समुदायों की सहानुभूति इजरायल से जुड़ती दिख रही है। भारत ने भी इतिहास में पहली बार बिल्कुल स्पष्ट रुख दिखाते हुए हमास की कार्रवाई को आतंकी हमला करार दिया है।
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हमले के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट से साफ हो गया कि भारत ने Israel Hamas War में इजरायल का खुलकर समर्थन करने का फैसला कर लिया है। इसी की पुष्टि मंगलवार को पीएम मोदी के एक और एक्स पोस्ट से हुई है। उन्होंने अपनी इस पोस्ट में बताया है कि उनकी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात हुई है।
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Israel Hamas War: इजरायली पीएम नेतन्याहू का PM मोदी को आया फोन
I thank Prime Minister @netanyahu for his phone call and providing an update on the ongoing situation. People of India stand firmly with Israel in this difficult hour. India strongly and unequivocally condemns terrorism in all its forms and manifestations.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2023
पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, ‘मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा स्थिति पर अपडेट देने के लिए धन्यवाद देता हूं। इस मुश्किल घड़ी में भारत के लोग इजरायल के साथ दृढ़ता से खड़े हैं। भारत किसी भी तरह के आतंकवाद और आतंकी गतिविधि की कड़ी और साफ शब्दों में निंदा करता है।’ इससे पहले भारत मुस्लिम वर्ल्ड की संभावित नाराजगी के दबाव में फिलिस्तीन के साथ संघर्ष की स्थिति में कभी इजरायल के साथ यूं खुलकर खड़ा नहीं होता था। तो अब सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर क्यों भारत ने मुस्लिम दुनिया की परवाह किए बिना Israel Hamas War को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया?
मोदी सरकार में एक्शन लेने लगा है भारत
भारत को कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने लगातार गहरे जख्म दिए हैं। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 को हटाकर कश्मीर में अलगाववादी अभियानों पर जोरदार झटका दिया। उधर, हमास ने भी इजरायल की सीमा में घुसकर जिस तरह बर्बरतापूर्ण हरकत की है, उसने भारत को निश्चित रूप से कश्मीर में पुराने दिनों की याद दिला दी। वैसे भी पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकी गतिवधियों को अंजाम देने का आइडिया फिलिस्तीन से ही लिया था।
उसने ‘हिंदुस्तान को हजारों जख्म देकर चोट करने’ की नीति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाक ने फिलिस्तीनी मॉडल को ही अपनाया। लेकिन भारत की पिछली सरकारें कभी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा स्टैंड ले ही नहीं पाती थीं तो फिर पूरे मुस्लिम वर्ल्ड को नाराज होने की गुंजाइश भी कैसे छोड़तीं? मौजूदा मोदी सरकार ने एक तरफ पाकिस्तान को सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके मुहतोड़ जवाब दिया तो दूसरी तरफे अरब वर्ल्ड के कई मुस्लिम देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करके नई ऊंचाई तक ले गई। यही कारण है कि आज भारत हमास को खुलकर आतंकी संगठन कहने की स्थिति में आ पाया है।
युद्धों में हमेशा भारत का साथ देता रहा इजरायल
दरअसल, 1948 में इजरायल के अस्तित्व में आने के बाद से ही भारत का उसके साथ संबंध परोक्ष रूप से ही सही, लेकिन दोस्ताना ही रहे। यह अलग बात है कि भारत ने तब संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के अस्तित्व को नकार दिया था, लेकिन अगले ही वर्ष मुंबई में इजरायल का वाणिज्य दूतावास भी खुल गया। तब से इजरायल ने भारत को जरूरत की घड़ी में हमेशा साथ दिया। यहां तक कहा जाता है कि 1962 में चीन जबकि 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों में भी इजरायल ने भारत की मदद की थी। हालांकि, तब दोनों देशों के बीच आधिकारिक कूटनीतिक संबंध भी स्थापित नहीं हुए थे।