Kanpur Dehat : उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर देहात में दस साल पहले हुई एक सरकारी डॉक्टर की हत्या के मामले में दोषी महिला को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले में जिला सेशन कोर्ट से दी गई आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो गई है। गौरतलब है कि 10 वर्ष पहले कानपुर देहात में तैनात रहे सरकारी डॉक्टर सतीश चंद्रा की साल 2013 में रनियां क्षेत्र के राही पर्यटक आवास गृह में हत्या हो गई थी।
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Kanpur Dehat जबरन दुष्कर्म करता था डॉक्टर
हत्यारोपी ने डॉक्टर के निजी अंग को शरीर से अलग कर कुरियर से उनके घर भेज दिया था। मामले में पुलिस ने डॉक्टर की परिचित युवती कानपुर नगर के सीटीआई गोविंदनगर निवासी प्रीति लता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसने पूछताछ में बताया था कि डॉक्टर उसके साथ जबरन दुष्कर्म, बहन पर बुरी नजर जैसे आरोप लगाए थे। (Kanpur Dehat)
प्रीति लता को मिली थी उम्रकैद की सजा
संबंधित मामले पर सुनवाई कर एडीजे प्रथम की अदालत से 23 सितंबर 2016 को प्रीति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत के आदेश पर प्रीति लता सजा काट रही है। उसकी ओर से सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी। अपील विचाराधीन होने पर प्रीती की जमानत याचिका दाखिल की गई थी।
लखनऊ जेल में सजा काट रही प्रीति
सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने उसकी जमानत याचिका मंजूर करते हुए निचली अदालत में 50-50 हजार रुपये की दो जमानत दाखिल करने के आदेश दिए हैं। वर्तमान में प्रीति लता लखनऊ जेल में सजा काट रही है। (Kanpur Dehat)
बहन पर बुरी नजर डाली तो नहीं हुआ बर्दाश्त
युवती ने अपने पत्र में डॉक्टर पर कई संगीन आरोप लगाए थे। आरोप था कि डॉक्टर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता था। उसे बदनाम करने का डर दिखाकर चुप करा देता था। डॉक्टर ने जब उसकी बहन पर बुरी नजर डाली, तो उसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ। इसी के चलते उसकी हत्या करने की साजिश रची।
गेस्ट हाउस में दिया घटनाक्रम को अंजाम
प्रीति ने बयानों में कहा था कि वह 15 जुलाई 2013 को कॉल कर डॉक्टर को राही गेस्ट हाउस बुलाया था। उन्होंने 21 जुलाई का वक्त दिया। वह पहले ही वहां पहुंच गई थी। ढाई घंटे इंतजार के बाद डॉ. चंद्रा आए। उसने ढेरों गोलियां शराब की बोतल में डाल दी थीं। (Kanpur Dehat)
पहले गला फिर काटा गुप्तांग
प्रीती ने बताया कि डॉ. चंद्रा शराब पीकर बेसुध हो गए, तो सबसे पहले उनका होंठ स्टेपल किया, लेकिन वह ठीक से नहीं हो पाया। इसके बाद डॉक्टर के दोनों हाथ-पैर बांधकर मुंह को टेप से चिपका दिया था। इसके बाद धारदार चाकू से गला काटा। फिर गुप्तांग काट दिया। इसके लिए उसने डॉ. चंद्रा के सीजर ब्लेड का उपयोग किया। हत्या करने के बाद प्लास्टिक में गुप्तांग रखकर पीछे का दरवाजा खोला और कानपुर आ गई।
कातिल ने डॉक्टर के खून से दीवार पर लिखा था पैगाम
गेस्ट हाउस के जिस कमरे में कत्ल हुआ था, वहां फर्श पर खून धब्बे हर तरफ दिख रहे थे। वहीं, कमरे की एक दीवार पैगाम लिखा था। इसे देखकर पुलिस पहले कुछ समझ नहीं पाई थी। दीवार पर कातिल डॉक्टर ने खून से पैगाम लिखा था कि ‘जब मनुष्य प्रकृति से छेड़छाड़ करता है, तो प्रकृति अपने ढंग से उसे ठीक कर देती है। (Kanpur Dehat)