Wednesday, November 13, 2024

Research on PM Narendra Modi: कौन है वो मुस्लिम लड़की, जिसने पीएम मोदी पर की पीएचडी, बताया भरोसेमंद राजनेता

Research on PM Narendra Modi: शोध के बहुत सारे विषय होते हैं, जिन पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में अनुसंधान किया जाता है, लेकिन वह शोध और शोधार्थी विशेष होते हैं। भारत में व्यक्ति केंद्रित शोध कम ही होता है। लेकिन इस समय शोध का एक विषय ना सिर्फ चर्चा के केंद्र में है बल्कि शोध करने वाली महिला स्कॉलर सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एक मुस्लिम छात्र ने अपना अनुसंधान किया है, जिनका नाम नजमा परवीन है। यह रोचक है कि नजमा परवीन ने अपने शोध के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चयन क्यों किया। यहाँ हम आपको बताएंगे कि नजमा परवीन कौन हैं और उन्होंने अपने अनुसंधान में किन अध्यायों को शामिल किया।

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क्या है वाराणसी से नाता? Research on PM Narendra Modi

नजमा परवीन (Najma Parveen Phd) वाराणसी के लल्लापुर इलाके की निवासी हैं और वह एक बुनकर परिवार से संबंधित हैं। नजमा के माता-पिता का साया पहले ही उसके सिर से उठ गया था। एक सामान्य परिवेश से जुड़ी नजमा को अनेक मुश्किलें आईं, लेकिन कहावत है कि जहां चाह, वहां राह। राजनीति शास्त्र की एक छात्रा के रूप में, नजमा बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तिगत रूप उसे बेहद प्रभावित करता रहा है। इसी कारण, उन्होंने अपने शोध के लिए प्रधानमंत्री मोदी का चयन किया। एक विशेष प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के एक वाक्य के बाद उनके दृष्टिकोण में गहरा परिवर्तन हुआ। 2014 के सामान्य चुनावों के मंच पर, जब उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथी निजामुद्दीन के 114 वर्षीय कर्नल के पैर को छुआ, तो उनके दिल में ही नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में उनके लिए एक खास स्थान बन गया। Research on PM Narendra Modi

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‘इसलिए मोदी बन गए महानायक’ Research on PM Narendra Modi

नजमा परवीन बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीति के महानायक हैं, इस सदी के सबसे भरोसेमंद राजनेता हैं, खास बात यह है कि वे मुसलमानों के विरोधी नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक हितैषी भी हैं। 2014 का चुनाव कई मायनों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। पहली बात यह है कि उस चुनाव के परिणाम ने इस तथ्य को प्रमाणित किया कि अब भारत में वंशवाद और अधिनायकवाद के लिए कोई जगह नहीं है, और कोई भी राजनीतिक परिवार सिर्फ विरासत या समाज के किसी खास वर्ग को वोटबैंक मानकर राजनीति नहीं कर सकता है। एक तरह से इस नतीजे की ओर शाही खून की बजाय सामान्य लोगों के खून की जीत की ओर कदम बढ़ा। Research on PM Narendra Modi

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