Friday, April 11, 2025

Neeraj Chopra: धमाकेदार प्रदर्शन, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 फाइनल में और पेरिस ओलिंपिक के लिए भी किया क्वालिफाई

भारत की गर्व और शान, Neeraj Chopra, हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में फूल Action में हैं। पिछली बार वह स्वर्ण पदक से चूक गए थे। इस बार उन्हें उस कसर को पूरा करने की आशा है। उन्होंने पहले ही क्वालिफिकेशन राउंड में 88.77 मीटर की थ्रो के साथ फाइनल में प्रवेश किया।

हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियंशिप 2023 का उत्साह अब तक की ऊँचाइयों तक पहुँच गया है। आज का दिन भारत के लिए विशेष रहेगा। भारत अब तक इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने में सफल नहीं हो सका है। 2003 में लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने कांस्य पदक हासिल किया था, जबकि पिछली बार Neeraj Chopra को रजत पदक प्राप्त हुआ था। इस बार वह अपने पदक की रंगत को बदलना चाहेंगे। प्रारंभिक चरण में ही उन्होंने 88.77 मीटर की दूरी का थ्रो क्वालीफाई के लिए उन्होंने दाखिल किया है।

Neeraj Chopra की नजर गोल्ड मेडल पर

टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का सम्मान बढ़ाने वाले जैवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा अब वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के खिताब की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले साल, नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को इस प्रतियोगिता में रजत पदक से संतुष्ट होना पड़ा था। फ़ाइनल मुकाबला 27 अगस्त को होगा। भारतीय समयानुसार, इस आरंभ संध्या 11:45 बजे होगी।

भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल

यदि गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में शीर्ष पर स्थान प्राप्त करके स्वर्ण पदक प्राप्त करते हैं, तो यह भारत के लिए ऐतिहासिक पल होगा। यह पहली बार होगा कि भारत इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतेगा। पहले इससे, नीरज चोपड़ा ने सिल्वर के साथ-साथ अंजू बॉबी जॉर्ज के ब्रॉन्ज मेडल को भी हासिल किया था, जिन्होंने लॉन्ग जंप के प्रतियोगिता में प्रतिष्ठितता प्राप्त की थी।

महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की ओर से नीरज चोपड़ा के अलावा डीपी मनु और किशोर भी जैवलिन में प्रतिस्थान हैं। मनु ने ग्रुप-ए के क्वालिफायिंग दौर में 81.31 मीटर का जैवलिन फेंका, जिससे वह सूची में तीसरे स्थान पर रहे, जबकि दूसरे स्थान पर जूलियन वेबर ने अपने देश जर्मनी के लिए 82.39 मीटर का जैवलिन फेंका।

टोक्यो ओलंपिक में बने थे चैंपियन Neeraj Chopra

नीरज चोपड़ा ने 2021 में आयोजित टोक्यो ओलंपिक खेलों में एक ऐतिहासिक प्रमाण स्थापित किया था। उन्होंने उस समय एक महत्वपूर्ण स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही, उन्होंने भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाने वाले खिलाड़ी के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। चोपड़ा ने तब 87.58 मीटर दूर तीर फेंका था। उन्होंने इसके बाद ज्यूरिख में आयोजित प्रतिष्ठित डायमंड लीग में भी भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। उनका उद्देश्य अब है कि वे पेरिस ओलंपिक खेलों में भी उसी समर्पण और मेहनत को बनाए रखें, जो 2024 में होने हैं।

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