Thursday, November 14, 2024

अब पाकिस्तान से आई सिमरन चाहती है भारतीय नागरिकता, बताई लड़कियों पर अत्याचार की दास्तान

Simran From Pakistan: अलीगढ़,उत्तरप्रदेश: सिमरन 27 सितंबर 2013 को पाकिस्तान से आई थी। उनका परिवार आज भी पाकिस्तान में बसा हुआ है। सिमरन के दादा-दादी का घर अलीगढ़ में है। सिमरन अलीगढ़ में ही रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में लोगों पर बहुत अत्याचार होता है।

पड़ोसी देश पाकिस्तान में छोटे संख्यक हिन्दू परिवारों पर अत्याचार के कई मामले सामने आते हैं। 27 सितंबर 2013 को पाकिस्तान में निवास करने वाली Simran ने अपनी चाची, बरजी बाई, के साथ पाकिस्तान से भारत (उत्तर प्रदेश के अलीगढ़) आने का निर्णय लिया। तब वह अपने दादा-दादी के घर पर दीर्घकालिक वीजा के तहत रह रही थीं और भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए अलीगढ़ के जिला अधिकारी को आवेदन किया।

Simran मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं

Simran नामक युवती अपने दादा के साथ अलीगढ़ के जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह से मिलने गई। सिमरन ने डीएम से कहा कि वह 27 सितंबर 2013 को पाकिस्तान से भारत (उत्तर प्रदेश के अलीगढ़) अपनी चाची, बरजी बाई, के साथ आई थीं, और बीते दस सालों से वह अपने दादा-दादी के घर पर दीर्घकालिक वीजा के तहत रह रही हैं। सिमरन ने डीएम को बताया कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीडीएस की पढ़ाई कर रही हैं और उन्हें भारतीय नागरिकता की आवश्यकता है। सिमरन ने कहा कि वह साल 2019 में भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर चुकी हैं।

भारत और पाकिस्तान में धरती आसमान अंतर है

Simran ने बताया कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जाफराबाद में उनके माता-पिता, दो भाई और बुआ रह रही हैं, और वे भी भारत आना चाहते हैं। पाकिस्तान में हिन्दू बहनों और बेटियों के साथ अत्याचार और अन्याय हो रहा है। यह घटनाएँ इतनी खौफनाक थीं कि वह सीधे अलीगढ़ में अपने दादा-दादी के पास आ गई थीं। भारत और पाकिस्तान के बीच भूमि और आकाश के बीच एक अंतर है।

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DM अलीगढ़ ने क्या कहा ?

डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने सिमरन की सभी बातें सुनीं। उन्होंने Simran से कागज पर उर्दू में नाम भी लिखवाया। इस मामले में डीएम ने कहा है कि शहर में निवास कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है। इस संदर्भ में प्रदेश और केंद्र सरकार को निर्णय लेने की आवश्यकता है। शासन के मार्गदर्शन के आधार पर जांच और आपत्तियों का समाधान करके संशोधित जानकारी और भारतीय नागरिकता प्रदान करने की मंजूरी के साथ विस्तारित रिपोर्ट भेजी जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सिमरन और उसकी चाची बरजी बाई की भारतीय नागरिकता पर निर्णय लिया जाएगा।

दादा ने क्या कहा ?

उनके दादा, रमेशलाल, ने बताया कि वह और उनका परिवार पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते एलटीवी (लॉन्ग टर्म) वीजा के माध्यम से अलीगढ़ में रह रहे थे। रमेशलाल ने बताया कि उन्होंने पत्नी लाजवंती, पुत्र कैलाश, और बेटी पूजा की नागरिकता के लिए 2015 में आवेदन किया था। उनका एक बेटा हरेशलाल वर्तमान में बलूचिस्तान में है, जबकि एक और बेटा शंकरलाल और बहू बरजी बाई साल 2013 में अलीगढ़ आए थे, और उन्होंने भी नागरिकता के लिए आवेदन किया है।

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