Petrol-Diesel Prices: इजरायल-हमास युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता के बावजूद, देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत नहीं हैं। इस मुद्दे से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कच्चे तेल के मूल्य बढ़ते हैं, तो पेट्रोल-डीजल की दरें वर्तमान में इसका प्रभाव जनता पर नहीं पड़ेगा और तब OMC कंपनियाँ खुद उच्च लागत का खर्च उठाएंगी।
2 नवंबर को कच्चे तेल की भारतीय बास्केट की मूल्य 87.33 डॉलर प्रति बैरल थी, जो की मई महीने में दर्ज औसत 74.98 डॉलर प्रति बैरल से काफी ऊपर थी। सितंबर में, यह मूल्य बढ़कर औसतन 93.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी। विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि संघर्ष ने तेल की मूल्यों पर सीमित प्रभाव डाला है, लेकिन मूल्यों में वृद्धि का कोई असर ग्राहकों पर नहीं पड़ा है। आने वाले दिनों में कच्चे तेल की मूल्यें उच्चतम स्तर पर पहुंचने तक पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के मूल्यों में वृद्धि की संभावना नहीं है।
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क्या है Petrol-Diesel की मौजूदा स्थिति?
प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों के द्वारा देश में बाजार साझेदारी करने वाले पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के कुल मूल्य का लगभग 90% हिस्सा है। इन कंपनियों ने पिछले 18 महीनों से पेट्रोल और डीजल के मूल्य में किसी प्रकार के बदलाव की ओर कोई रुखा किया। यह समय वह है जब कच्चे तेल के मूल्य में तेजी दर्शक हो रही है। इसके परिणामस्वरूप 2022-2023 के पहले छमाही में इन कंपनियों को हानि भी हुई। यद्यपि इसके बाद कच्चे तेल के मूल्य में सामान्य गिरावट से उन्हें भारी मुनाफा भी हुआ। इसके बावजूद उन्होंने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में कोई कमी नहीं की।
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13 माह का तोड़ा था रिकॉर्ड
कच्चे तेल ने पिछले 13 महीने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान क्रूड की कीमत में 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इस तेजी का कारण सऊदी अरब और रूस द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन और आपूर्ति में कमी करने का निर्णय था। घोषणा के समय कच्चे तेल का मूल्य प्रति बैरल 76 डॉलर था, जो बढ़कर 100 डॉलर के पास पहुँच गया था। हालांकि बाद में रूस ने उत्पादन बढ़ा दिया, जिससे कीमतों में कमी आई। अब ब्रेंट क्रूड की मूल्य प्रति बैरल लगभग 85 डॉलर है।
अन्य देशों से भी खरीदने पर विचार – Petrol-Diesel
पिछले हफ्ते केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत दक्षिण अमेरिकी देश वेनेज़ुएला से कच्चा तेल खरीदने पर विचार कर रहा है, बशर्ते वह सस्ता उपलब्ध हो। अगर वेनेज़ुएला का तेल बाजार में आता है तो वैश्विक तेल की कीमतों पर उसका काफी असर दिखेगा। इसके अलावा भारत गुयाना, कनाडा, गैबॉन, ब्राजील और कोलंबिया जैसे देशों से अधिक तेल प्राप्त करने पर भी विचार कर रहा है।
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