संत समाज ने कर दिया सीएम के बेटे स्टालिन का पिंडदान, बोले Ayodhya में ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे!

Ayodhya

Ayodhya : तमिलनाडु के सीएम एम. के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिपण्णी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में संत समाज के लोगों के द्वारा एक बैठक की गई, जिसमें अयोध्या कोतवाल को बुलाकर उदयनिधि स्टालिन पर कानूनी कार्रवाई के लिए तहरीर सौंपी गई। इसके साथ ही तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ को संतों के हस्ताक्षर वाला पत्र कारवाई के लिए भेजा गया।

Ayodhya में विधि विधान के साथ उदयनिधि का पिंडदान

बता दें कि तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि स्टालिन का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था। जिसके बाद आज उन्होंने विधि विधान के साथ उदयनिधि का 13वीं संस्कार किया। जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि स्टालिन की बाकायदा विधि विधान और मंत्रोच्चार के बीच मटकी फोड़कर उनकी तेरहवीं कर डाली। इस बीच उन्होंने कहा कि जो भी सनातन धर्म का अपमान करेगा, Ayodhya में उसका पिंडदान और तेरहवीं संस्कार का कार्यक्रम ऐसे ही होता रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट में पहले भी दायर की जा चुकी है याचिका

इससे पहले उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। वकील विनीत जिंदल ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह सनातन धर्म के अनुयायी हैं और स्टालिन की ओर से दिए गए “घृणास्पद भाषण” से व्यथित हैं। (Ayodhya)

उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?

गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा। स्टालिन ने कहा था, “इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्‍योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है।” उदयनिधि ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा था कि “मैं यह बात लगातार कहूंगा।

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