Ram Mandir Darshan: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, गणतंत्र दिवस से फरवरी के अंत तक, देश और विदेश के भक्तों के लिए दर्शन अभियान चलाया जाएगा। यह योजना है कि सभी राज्यों के भक्तों को विभिन्न तिथियों पर दर्शन का मौका मिलेगा। इसके लिए राज्यों को विभिन्न दिनों पर दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी विशेष तिथियों पर दर्शन का आयोजन किया जाने का प्लान है। (Ram Mandir Darshan)
Ram Mandir Darshan
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते आम श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक रहेगी। इस वजह से देश-विदेश के भक्तों को अलग-अलग तिथियों में रामलला के दर्शन (Ram Mandir Darshan) कराने की योजना पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट काम कर रहा है। विहिप के कार्यकर्ता हर राज्य के भक्तों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। उनकी सुविधा के अनुसार तिथि तय की जाएगी। जैसे एक दिन गुजरात तो एक दिन महाराष्ट्र। फिर राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली के भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे।
इसके अलावा जिन देशों में विहिप काम कर रही है, वहां के भारतीय मूल के भक्तों को रामलला के दर्शन (Ram Mandir Darshan) कराने की योजना पर भी काम हो रहा है। इन भक्तों को फरवरी के दूसरे सप्ताह से दर्शन कराने का अभियान शुरू होगा। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 16 जनवरी से 24 जनवरी तक ही प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा। उसके बाद कोई अनुष्ठान होगा कि नहीं यह ट्रस्ट बाद में तय करेगा, अभी कुछ तय नहीं है।
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मिलेंगे भाषा मित्र
अब अयोध्या में भक्तों को भाषा मित्र का साथ मिलेगा। श्री राम जन्म भूमि में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद, जब यहां आने वाले देश के विभिन्न प्रदेशों की अलग-अलग बोली बोलने वाले भक्तों को भाषाई समस्या से निपटने की आवश्यकता होती है, तो उन्हें यहां भाषा मित्रों का साथ मिलेगा। (Ram Mandir Darshan)
सामान्यतः, किसी भी पर्यटन स्थल या प्रमुख धार्मिक स्थल पर जाने के बाद, विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालुओं को भाषाई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर, वहां पहुंचने वाले भक्त की भाषा अलग होती है, जबकि स्थानीय भाषा कुछ और होती है। इस प्रकार, उन्हें हर कदम पर दिक्कत होती है। अयोध्या आने वाले भक्तों को इस तरह की समस्या से निपटने के लिए, भारत भारती नामक संस्था ने कदम उठाया है। (Ram Mandir Darshan)
यह संस्था इस प्रयास के माध्यम से यात्रीगण को साथ मिलाने और संवाद को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है, ताकि सभी भक्त आसानी से अपनी भाषा में बात कर सकें और स्थानीय लोग भी उनकी बोली को समझ सकें।
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