Shukratal, Muzaffarnagar: “शुक्रताल का नहान” बहुत जल्द शुरू होने वाला है। हर साल कार्तिक की पूर्णिमा को शुक्रताल में गंगा स्नान पर मेल लगता है, जिसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आम भाषा में ‘शुक्रताल का नहान’ कहा जाता है। मुजफ्फरनगर जिले के सहित आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु अपने झोटा बुग्गी, ट्रैक्टर ट्रॉली मेले में शिरकत करते हैं।
Shukratal- शुक्रताल का नहान
पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ में कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु गंगा घाट पर स्नान करने के बाद विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर भक्ति और श्रद्धाभाव से प्रसाद चढ़ाते हैं। गंगा घाट पर शाम को आरती के बाद श्रद्धालु दीपदान भी करते हैं। हर हर गंगे, जय गंगे मैया के जयघोष से नगरी का वातावरण गंगामयी हो जाता है। शुकदेव आश्रम में प्राचीन अक्षय वट वृक्ष की परिक्रमा कर धागा बांधने वाले श्रद्धालुओं की भी भीड़ लगेगी। मेले में लगे झूलों पर बच्चों के झूलने को लेकर भी जमकर भीड़ रहेगी है। श्रद्धालुओं के तंबुओं में महिलाओं द्वारा कई प्रकार के व्यंजन बना कर मेले में देसी कैम्पिंग लुत्फ उठायेंगे। कई डेरों में युवाओं द्वारा डीजे पर बेहतरीन गानों पर मजा लेते देखे जाएंगे। (Shukratal- शुक्रताल का नहान)
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गढ़ गंगा मेले के बाद यही ‘शुक्रताल का नहान‘ है जिसके इंतेजार में क्षेत्र के लोगों को भारी उत्साह रहता है। दरससल कार्तिक की पूर्णिमा के बाद यहाँ के लोग अपने खेती किसानी में जमकर व्यस्त हो जाते हैं। (Shukratal- शुक्रताल का नहान)
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