Thursday, April 3, 2025

मुसलमानों का एक ही टारगेट है भारत का इस्लामीकरण।

भारत सहित पूरी दुनिया मे इस समय फिलिस्तीन व इजरायल युद्ध चर्चा का विषय बना हुआ। हर तरफ फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास द्वारा किये गए इजरायल पर हमले की निंदा हो रही हैं। जंहा हर तरफ इसकी निंदा हो रही है वंही भारत सहित विश्व मे कई देशों में इस अमानवीय कार्य का समर्थन भी किया जा रहा है। समर्थन करने वाले देश व लोग सब इस्लाम को मानने वाले ही हैं। ईरान,लेबनान ,कतर सहित कई मुस्लिम देशों ने हमास हमले का खुलकर समर्थन किया है।

भारत का इस्लामीकरण

और अधिकतम मुस्लिम देश इसका मौन समर्थन कर रहे हैं।भारत ने जंहा हमास द्वारा इजरायल हमले की निंदा की है तो वंही भारत मे कई जगह मुस्लिम युवकों द्वारा हमास हमले का समर्थन तथा इजरायल द्वारा की गई कार्यवाही का का विरोध किया जा रहा है। भारत मे प्रसिद्ध अलीगढ़ विश्व विद्यालय के मुस्लिम छात्रों ने जुलूस निकालकर इजरायल सैन्य कार्यवाही का विरोध किया है। भारत की राजनीति में अधिकतर बड़े मुस्लिम नेताओं ने भी इजरायल की जबावी कार्यवाही का ही विरोध किया है। हमास का नही। भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस ने भी मुसलमान वोट पाने के लिए हमास हमले का समर्थन व इजरायल की जबावी कार्यवाही का विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया है।

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बड़ी चिंतनीय व सोचनीय बात है कि धार्मिक कट्टरता के कारण ये सभी लोग सही को सही और गलत को गलत कहने को तैयार नही हैं। भारत मे रहकर भी देश विदेश में गलत कार्यों का समर्थन करना कंही न कंही इस्लाम व उसके मान्य वाले लोगों पर प्रश्न खड़ा करता है। हमास ने जिस प्रकार से इजरायल में जगह जगह हमले किये है और जैसे घोर अमानवीय अत्याचार निर्दोष इजरायली जनता पर किये है। उसका समर्थन बिना सोचे केवल धर्म के आधार पर करना विश्व के लिए खतरे की घण्टी है। हमासी आतंकियों ने इजरायल में सेनिको ,महिलाओं और बच्चों के साथ जैसा व्यवहार किया है उसको सोचने पर भी भय लगने लगता है।

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समाचार पत्रों के अनुसार एक साल के एक इजरायली बच्चे को निर्ममता से मारकर हमास के आतंकी खुशियां मना रहे हैं जिसका फोटो मीडिया में वायरल भी हुआ है। इजरायली महिलाओ को निर्वस्त्र कर उनको दुष्कर्म करके बेहरहमी से मारा गया है। यंहा तक कि महिलाओं के मृत शरीर को निर्ववस्त्र करके सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया है। सेनिको के साथ भी ऐसा ही व्यवहार हमास द्वारा किया गया है। ऐसी घिनोने कृत्य का समर्थन कंही न कंही इस्लाम की धार्मिक कट्टरता का ही परिणाम है। भारत सहित विश्व मे मुसलमानों द्वारा किये जा रहे योजनात्मक अत्याचार के खिलाफ ये कभी नही बोलते है। जैसे ही इनके अत्याचारों के खिलाफ कोई कार्यवाही कंही भी की जाती है।

भारत सहित पूरे विश्व मे इनके आंदोलन शुरू हो जाते हैं,इनके साथ देने के लिए कांग्रेस सहित भारत के सभी विपक्षी दल खड़े हो जाते हैं। इनके समर्थन करने वाले दल व गैर मुस्लिम लोगों को समझना चाहिए कि ये इस्लामिक कट्टरता इस्लाम के अलावा किसी को अपना नही मानती। उनकी नजरों में सभी गैर इस्लामिक लोग काफिर हैं। और उनके अनुसार काफिर को मारना शबाव का काम है। इसी धार्मिक कट्टरता के परिणाम प्रत्यक्ष दिखाई देने लगे हैं। अल्लाह हु अकबर कहकर कन्हैया का गला काटकर तथा पालघर में दो साधुओं को पुलिस के सामने ही सड़क पर डंडों से पीटकर बेहरमी से मार दिया जाता है।

मुस्लिमो द्वारा खाने की बस्तुओ पर थूककर गैर मुस्लिमों को खिलाने की घटनाएं निरन्तर बढ़ती जा रही है। रोटी बनाने व,सब्जी बेचने जैसे निचले स्तर के लोगों में भी ये कट्टरता बड़ी संख्या में दिखाई देती है। खेलों में भारत का विरोध और पाकिस्तान का समर्थन करना सामान्य बात हो गई है। कई जगह देखने मे आता है कि पाकिस्तान के समर्थन तथा भारत विरोधी नारे शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम विद्यार्थियों द्वारा लगाए जाते हैं।

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इस्लामिक कट्टरता धीरे धीरे भारत सहित विश्व मे भी अपने पैर फैला रही है। जिसकी रोकथाम अति आवश्यक है। रोकथाम के लिए इजरायली कार्यवाही ही इसका उपाय है। क्योंकि कार्यवाही होने पर इनके समर्थन के लिए कई ग्रुप देश, विदेश में बने हुए हैं। जिनका काम केवल इनपर होने वाली कार्यवाही का विरोध करना है। जो इजायरल द्वारा की जा रही कार्यवाही में भी देखने को मिलता है।

1919 में भी ये कट्टरता देखने को मिली थी। ख़िलाफ़त आंदोलन के समय टर्की के मुस्लिम खलीफा को कुर्सी से बेखल करने पर भारत के मुसलमानों ने आजादी की लड़ाई से ज्यादा टर्की के खलीफा की वापसी को महत्व देकर खिलाफत आंदोलन चलाया था। ये भी इस्लामिक कट्टरता को ही दर्शाता है। अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लगाए जा रहे धार्मिक नारे बता रहे है कि विश्व मे केवल सभी मुस्लिम एक हैं और उनका उद्देश्य भी एक ही है।

भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर ने इसी इस्लामिक कट्टरता पर कहा था कि भारत मे रहने वाले सबसे निचले स्तर के मुसलमान से लेकर सबसे उच्च स्तर के मुसलमानों का एक ही उद्देश्य है भारत का इस्लामीकरण। बाबा साहब की ये बात सत्य होती भी दिख री है। इस इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ भारत ही नही पूरे विश्व को एक साथ आना ही पड़ेगा वरना ये भारत के लिए ही नही विश्व के लिए भी हानिकारक बनता जाएगा।

लेखक-ललित शंकर गाजियाबाद, सामाजिक कार्यकर्ता

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