HARYANA NEWS:देश कि राजधानी दिल्ली से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित हरियाणा का मेवात आजकल दंगों को लेकर चर्चाओं में है लेकिन हम इन दंगों कि बात न करने एक गर्व करने वाली, फौजी बनाने वाली एक गाथा से आपको रूबरू करायेंगे, यह गाथा है मेवात से सटे एक गांव की जिसका नाम उजीना है,
लगभग 12 हजार की आबादी वाले अकेले गांव से तकरीबन 700 लोग सैनिक/अर्ध सैनिक बल (सैना) में भर्ती होकर देश कि रक्षा में लगे हुए हैं फौजी बनकर ये अपने गांव के साथ-साथ क्षेत्र का नाम भी रोशन कर रहे हैं।
यहां के फौजी जवान आज भी आर्मी, नेवी, सीआरपीएफ सहित कई सैनिक और अर्धसैनिक बलों में देश की सीमाओं पर तैनात हैं। इस गांव के करीब 250 सेना के जवान सेवानिवृत्त होने के बाद यहां की नई युवा पीढ़ी को सेना में भेजने के लिए उन्हें तैयार करने में लगे हैं तथा उनका समय-समय पर उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन करते रहते हैं। नियमित तौर पर व्यायाम करने से लेकर भागदौड़ करना उजीना गांव के युवाओं की दिनचर्या में शामिल है।
नई योजना अग्निवीर के तहत अब तक यहां के लगभग 10 बच्चों का चयन हो चुका है। यहां कि सबसे खास बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में यहां के लोग सेना में नौकरी कर रहे या कर चुके हैं सभी जवानों में से अभी तक किसी की शहादत की खबर गांव वालों ने ना ही सुनी है और ना ही देखी है।
HARYANA NEWS:देश सेवा में लगे हैं उजीना के 700 फौजी
जिला केंद्र नूंह से उजीना गाव लगभग 10-12 किलोमीटर की दूरी पर नूंह-होडल मार्ग पर बसा हुआ है। यहां के शिक्षा के स्तर से लेकर स्वास्थ्य, खेल आदि की सुविधाएं अन्य गांवों के मुकाबले काफी बेहतर हैं। उसमें सरकारी सहयोग के साथ-साथ गाव वालों का भी अहम योगदान रहा है। उजीना गांव नूह जिले का ही नहीं पूरे हरियाणा प्रदेश का एकमात्र ऐसा गांव है, जहां लगभग एक ही गांव से 700 जवान देश की रक्षा में अपना अपनी सेवा दे रहे हैं। गांव के बुजुर्गों को भी अपने गांव के युवाओं पर गर्व कि उनके गाव कि युवा पीढ़ी में भी उनके संस्कारों को ग्रहण करके फौजी बनने का जज्बा कायम है।
HARYANA NEWS:पूर्व फौजी चाहते हैं गांव में ही स्थापित हो जिला सैनिक बोर्ड का कार्यालय ARMY
सेवानिवृत्त होकर गांव में रहने वाले पूर्व फौजी कि मांग हैं कि उनके गांव उजीना में ही जिला सैनिक बोर्ड का कार्यालय स्थापित हो। नूंह वर्ष 2005 में जिला बना था, लेकिन जिला सैनिक बोर्ड आज तक भी इस जिले में नहीं बन पाया है। हालांकि जिला प्रशासन जिला सैनिक बोर्ड बनाने के लिए दिन-रात कोशिशों में लगा हुआ है।
मरोड़ा गांव में जिला सैनिक बोर्ड बनना प्रस्तावित है। उजीना गांव के पड़ोसी गांव से भी बड़ी संख्या में सेना में जवान देश की सेवा कर रहे हैं। उजीना गांव के युवाओं के जोश व जज्बे को देखते हुए संगेल गांव के युवाओं में भी इसका असर देखने को मिलता है। दोनों ही गांव में अधिकतर आबादी राजपूत समाज के लोगों की है।