Sunday, December 15, 2024

Vishwakarma Puja 2023: भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर जानिए पूजाविधि और आध्यात्मिक महत्व

Vishwakarma Puja 2023: आज, यानी 17 सितंबर 2023, एक रविवार को हम भगवान विश्वकर्मा जयंती मना रहे हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा प्राकट्य दिवस हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस दिन हम विश्वकर्मा भगवान की विशेष पूजा और आराधना करते हैं। हर साल, सृष्टि के सबसे महान और आद्भुत शिल्पकार, विश्वकर्माजी की पूजा का त्योहार बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, विश्वकर्मा जी सृष्टि के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तो उन्होंने इस कार्य की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा जी को सौंपी थी। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र थे।

Vishwakarma Puja यंत्रों के देवता के रूप में मनाई जाती है

हर साल, विश्वकर्मा पूजा के मौके पर, विभिन्न छोटे-बड़े स्थलों, कारख़ानों, उपकरणों, निर्माण कार्यों, और दुकानों आदि को पूजा की जाती है। वास्तव में, विश्वकर्मा जी को यंत्रों के देवता के रूप में भी माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, प्राचीन काल में देवी-देवताओं के महल और आयुध-शस्त्र भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाए थे, इसलिए उन्हें वास्तुकला और निर्माण के देवता के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने इंद्रलोक, त्रेता में लंका, द्वापर में द्वारिका, और कलयुग में जगन्नाथपुरी जैसे स्थलों का निर्माण किया था। इसके अलावा, उन्होंने भगवान शिव के त्रिशूल, पुष्पक विमान, इंद्र के व्रज, और भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र को भी बनाया था।

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आधारित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा वह देवता हैं जो हर युग में सृजन और निर्माण के देवता के रूप में जाने जाते हैं। विश्वकर्मा जी को यंत्रों के देवता के रूप में भी माना गया है। सम्पूर्ण सृष्टि में जो कुछ भी नवाचारिक बनाया जाता है, उसे सब भगवान विश्वकर्मा की कृपा मानी जाती है। इस वजह से, जो भी लोग किसी काम के निर्माण और सृजन के क्षेत्र में जुड़े होते हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा हैं। इस वजह से विश्वकर्मा जयंती के दिन यंत्रों, दुकानों, कारखानों, और उद्योगिक संस्थानों में उपस्थित कलपुर्जों और मशीनों की पूजा की जाती है। इसके अलावा, लोग अपने विभिन्न वाहनों की भी पूजा करते हैं। मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा और उपकरणों की पूजा-अर्चना करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्यवसाय और उद्योग में काम करने वाले लोगों की उन्नति और सफलता में सुधार होता है। विश्वकर्मा पूजा करने से व्यापार और निर्माण कार्यों में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है, और कारखानों में लगी मशीनें पूरे साल सही तरीके से काम करती हैं।

पूजा विधि

प्रारंभ में, विश्वकर्मा जयंती के दिन, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर पूजा का संकल्प लें। इसके बाद, कारखानों, प्रतिष्ठानों, औजारों, और मशीनों को सफाई करके वहाँ पर विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित करें। फिर, पूजा सामग्री जैसे कि रोली, अक्षत, फल-फूल, और मिठाई के साथ भगवान विश्वकर्मी की पूजा करते हुए उनकी आरती करें। पूजा के दौरान “ॐ विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का जप करें। अंत में, प्रसाद वितरित करें।

Vishwakarma Puja 2023

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