Friday, April 18, 2025

Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने लिया फैसला

Wrestlers Protest: “यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग” ने “भारतीय कुश्ती संघ” की सदस्यता को रद्द कर दिया है। इस कारण, 16 से 22 सितंबर के दौरान सर्बिया में आयोजित होने वाले पुरुषों के वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में भारतीय पहलवान भारतीय झंडे के तले नहीं उतरेंगे।

वास्तव में, भारतीय महिला पहलवानों ने “कुश्ती फेडरेशन ऑफ इंडिया” के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके परिणामस्वरूप, “इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन” ने फेडरेशन को निष्कासित करते हुए “एडहॉक कमेटी” की स्थापना की थी, और चुनाव आयोजित करने का कार्य सौंपा था।

भारतीय कुश्ती संघ

“एडहॉक कमेटी” ने 12 अगस्त को चुनाव की तारीख तय की थी, लेकिन एक दिन पहले चुनाव से बचने के लिए “हरियाणा कुश्ती संघ” द्वारा “पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट” में चुनाव करने की विरोधिता दर्ज की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने चुनाव को आगे बढ़ाने से रोक दिया था।

देश के पहलवानों को बड़ा झटका लगा है

देश के पहलवानों को एक बड़ी खबर मिली है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को रद्द कर दिया है। इसका कारण है कि डब्ल्यूएफआई के सदस्यता का चुनाव 45 दिनों के भीतर नहीं करवा सका। भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव 12 अगस्त को होने थे, लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने वोटिंग से एक दिन पहले चुनाव को रोक दिया था। इससे पहले, वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ से चुनाव कराने के लिए 45 दिनों की अनुमति दी थी, लेकिन उस समय के बावजूद चुनाव नहीं हो सके। इस परिस्थिति में, वर्ल्ड रेसलिंग ने कदम उठाते हुए भारतीय कुश्ती को सस्पेंड कर दिया है।

Highcourt ने लगाई थी रोक

असम हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगाई है। चुनाव की तारीख पहले 11 जुलाई को निर्धारित थी, लेकिन असम रेसलिंग एसोसिएशन ने अपनी मान्यता के साथ कोर्ट में याचिका दाखिल की। इस परिस्थिति में असम हाईकोर्ट ने चुनाव को रोक दिया। इसके परिणामस्वरूप, अगस्त महीने में चुनाव आयोजित नहीं किया जा सका।

भारतीय कुश्ती में बवाल

भारतीय कुश्ती में पिछले कुछ महीनों से बवाल मचा हुआ है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। पहलवानों ने काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया। इसके पश्चात्, खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्णय लिया। सस्पेंड करने के बाद, एडहॉक कमेटी ने फेडरेशन के कार्य का प्रभार संभाला।

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