Halal Certificate Ban In UP: बिना किसी वैधानिक अधिकार के खाद्य और सौंदर्य उत्पादों को अवैध रूप से ‘हलाल सर्टिफिकेट’ (Halal Certificate) प्रदान करने वाले काले व्यापारिक कारोबार पर, योगी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम की दिशा में है। कुछ कंपनियाँ हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अनैतिक व्यापार प्रचलित कर रही थीं। इसमें डेयरी उत्पाद, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन शामिल थे। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस कोशिश का पर कड़ी नाराजगी जताई है। इसके साथ ही कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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Halal Certificate के नाम पर जमा हो रही अवैध कमाई
संभावना है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) के नाम पर जमा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को फंडिंग हो रही है। इसके साथ ही, लखनऊ कमिश्नरेट में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। हाल ही में एक यात्री और भारतीय रेलवे अधिकारी के बीच हलाल-प्रमाणित चाय के मुद्दे पर तीखी बहस का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसके परिणामस्वरूप, हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत और समझ पर विवाद उत्पन्न हुआ है। वीडियो में, एक यात्री ने सावन माह के दौरान हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स को नकारात्मकता से देखा था। हालांकि, रेलवे कर्मचारी ने स्पष्ट किया था कि प्रोडक्ट शाकाहारी था, और विवाद इस बारे में था कि पैकेट पर ‘हलाल’ लिखा गया था।
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मामले में एफआईआर दर्ज
लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 में दर्ज एफआईआर के अनुसार, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई, आदि धर्म विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम पर कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र (Halal Certificate) प्रदान कर रही हैं और इसके लाभ के लिए अवैध कारोबार कर रही हैं। इन कंपनियों को किसी भी उत्पाद के लिए प्रमाणपत्र प्रदान करने का कोई अधिकार नहीं है। इन कम्पनियों की ओर से कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कम्पनियों को हलाल प्रमाण पत्र (Halal Certificate) जारी किया जा रहा है। यह सामाजिक विद्वेष बढ़ाने वाला तो है ही जनआस्था के साथ छल है।
राष्ट्र विरोधी ताकतों को मिल रहा फायदा
शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कंपनियों ने ऐसा हलाल प्रमाणपत्र (Halal Certificate) इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। खास बात यह है कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाणपत्र दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती है। जाहिर है कि एक समुदाय विशेष और उनके उत्पादों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र किया जा रहा है।